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पीएफआई पर जारी रहेगा प्रतिबंध, केंद्र के फैसले को UAPA ट्रिब्यूनल ने ठहराया सही

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नई दिल्ली, 21 मार्च। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंध को UAPA ट्रिब्यूनल ने जायज ठहराया है। इस क्रम में यूएपीए ट्रिब्यूनल के प्रमुख जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने केंद्र सरकर के फैसले को बरकरार रखा है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने PFI पर पिछले वर्ष सितम्बर में बैन लगा दिया था। संगठन पर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने और देश को तोड़ने के आरोप लगे थे। UAPA ट्रिब्यूनल ने आदेश पारित करने के बाद इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेज दिया है।

पीएफआई पर 28 सितम्बर, 2022 को लगा था प्रतिबंध

केंद्र सरकार ने 28 सितम्बर, 2022 को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उससे जुड़े लोगों पर बैन लगा दिया था। उनपर यूएपीए एक्ट 1967 के सेक्शन 3(1) के तहत पांच वर्षों का प्रतिबंध लगाया गया था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी जांच में पाया था कि पीएफआई और उससे जुड़े लोग आतंकी संगठन, आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े हुए थे। गृह मंत्रालय ने PFI के अलावा रेहाब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया और ऑल इंडिया इमाम काउंसिल सहित कई संगठनों पर एक्शन लिया था।