मथुरा, 5 अप्रैल। मथुरा की अदालत ने मुस्लिम पक्ष की अपील पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि से सटी शाही ईदगाह के अमीन सर्वे पर बुधवार को रोक लगा दी। अब 11 अप्रैल को अदालत इस पर सुनवाई करेगी और तब तक अमीन सर्वे के आदेश पर स्टे रहेगा। वहीं केस के वादी हिन्दू पक्ष ने अदालत के आदेश पर निराशा जाहिर की है।
इस बार सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की रूलिंग भी दाखिल की गई थी
मुस्लिम पक्ष ने मंगलवार को एक बार फिर अदालत में प्रार्थनापत्र देकर अमीन सर्वे के आदेश पर रोक की अपील की थी। इस बार प्रार्थनापत्र के साथ सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की रूलिंग भी दाखिल की गई थी। अदालत ने बहस सुनने के बाद पत्रावली को ऑर्डर के लिए रिजर्व कर लिया था। वहीं, सर्वे के लिए नियुक्त अमीन शिशुपाल यादव ने संवेदनशील मामले को देखते हुए अदालत से सुरक्षा की दरख्वास्त की दी थी। इस पर अदालत ने गोविंद नगर पुलिस को अमीन की सुरक्षा के आदेश दिए हैं।
शाही मस्जिद ईदगाह इंतजामिया कमेटी के सचिव व अधिवक्ता तनवीर अहमद, यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता जीपी निगम ने कोर्ट में अमीन सर्वे पर रोक का प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए कहा कि कोर्ट में पहले पोषणीयता के प्रार्थना पत्रों को ही सुनवाई के लिए कहा गया था। इसके बाद भी अमीन निरीक्षण का आदेश जारी कर दिया गया है। यह आदेश किसी भी सूरत में न्याय संगत नहीं है और न्यायालय को गुमराह करके कराया गया है।
मुस्लिम पक्ष ने तर्कों में कहा कि वादी द्वारा 13.37 एकड़ जमीन की सीमाएं भी नहीं खोली हैं। जिस जमीन की सीमाएं स्पष्ट नहीं हैं, उसका अमीन निरीक्षण किस आधार पर और कैसे हो सकता है। एक अन्य वादी महेंद्र प्रताप सिंह के वाद में सिविल जज सीनियर डिवीजन के पोषणीयता पर पहले सुनवाई के आदेश की प्रति भी लगाई। इसमें कहा कि जब एक ही प्रकृति के वाद में पहले पोषणीयता पर सुनवाई का आदेश हुआ है तो इसमें अमीन निरीक्षण का आदेश क्यों किया गया।
गौरतलब है कि सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट नीरज गौड़ ने विष्णु गुप्ता की याचिका पर शाही ईदगाह के अमीन सर्वे के आदेश दिए थे। इसकी रिपोर्ट 17 अप्रैल को दाखिल करनी है। इसके लिए अमीन ने रिट भी हासिल कर ली है।