प्रयागराज, 29 सितम्बर। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद बलवीर गिरि का उनका उत्तराधिकारी बनना तय प्रतीत हो रहा है। बताया जा रहा है कि पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के पंच परमेश्वरों की बातचीत में तय हो गया है कि महंत नरेंद्र गिरि की वसीयत के अनुसार बलवीर गिरि बाघम्बरी मठ की गद्दी संभालेंगे।
महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी से पहले हरिद्वार में 5 अक्टूबर को होगी बैठक
प्राप्त जानकारी के अनुसार महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी पांच अक्टूबर को होनी है। उससे पहले निरंजनी अखाड़े की एक बैठक हरिद्वार में होगी। उसी बैठक में उत्तराधिकारी के रूप में बलवीर गिरि के नाम पर अंतिम मुहर लगने के बाद उन्हें उत्तराधिकारी घोषित कर दिया जाएगा। यदि सब कुछ अनुकूल रहा तो पांच अक्टूबर को पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न एक बजे के बीच बलवीर गिरि का पट्टाभिषेक होगा। इसमें संत समाज के लोग उन्हें महंतई चादर ओढ़ाएंगे।
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद के साथ होनी है अंतिम बैठक
पंचायती निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी ने बताया कि मंगलवार को पंच परमेश्वरों की बैठक में बलवी गिरि के नाम पर सहमति बनी है। अब गुरुवार को हरिद्वार में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महराज के साथ बैठक होगी। इस बैठक में मुहर लगने के बाद आगामी पांच अक्टूबर को षोडशी भोज के दिन पंचपरमेश्वर पूरे विधि विधान से बलवीर गिरि का पट्टाभिषेक करेंगे और उन्हें मठ बाघम्बरी गद्दी का महंत बना दिया जाएगा।
बलवीर गिरि ने ही की थी महंत नरेंद्र गिरि की अंतिम क्रिया
स्मरण रहे कि बलवीर गिरि का नाम इससे पहले चर्चा में नहीं था। लेकिन महंत नरेंद्र गिरि ने अपने 12 पन्ने के सुसाइड नोट में बलवीर गिरि का जिक्र करते हुए उन्हें मठ का महंत उत्तराधिकारी बनाने के लिए लिखा था। उनकी इच्छा के अनुरूप बलवीर ने ही महंत नरेंद्र गिरि की अंतिम क्रिया भी पूर्ण की थी।
उत्तराखंड के निवासी 35 वर्षीय बलवीर गिरि को वर्ष 2005 में महंत नरेंद्र गिरि ने दीक्षा दी थी। बलवीर गिरि अब तक हरिद्वार में बिल्केश्वर महादेव की देखरेख व व्यवस्था देखते रहे हैं।