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गायिका से दुष्कर्म का मामला : बाहुबली नेता विजय मिश्रा को 15 वर्ष जेल की सजा, 1.10 लाख रुपये जुर्माना भी लगा

गायिका से दुष्कर्म का मामला : बाहुबली नेता विजय मिश्रा को 15 वर्ष जेल की सजा, 1.10 लाख रुपये जुर्माना भी लगा

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भदोही, 4 नवम्बर। उत्तर प्रदेश में भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से चार बार विधायक रहे बाहुबली नेता विजय मिश्रा को एक गायिका से दुष्कर्म करने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को 15 वर्ष कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने इसी मामले में विजय मिश्रा पर एक लाख दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर के खिलाफ सुनाया फैसला

फिलहाल गैंगस्टर विजय मिश्रा के बेटे विष्णु मिश्रा और नाती ज्योति उर्फ विकास मिश्रा को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया है। विजय मिश्रा जेल में बंद मुख्तार अंसारी तथा मारे जा चुके अतीक अहमद के साथी रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, वाराणसी की एक गायिका ने विजय मिश्रा तथा उनके बेटे विष्णु मिश्रा और पोते विकास मिश्रा पर दुष्कर्म और धमकी देने का मामला अक्टूबर, 2020 में दर्ज कराया था।

पीड़ित गायिका ने अक्टूबर, 2020 में दर्ज कराया था केस

पीड़ित गायिका ने यह आरोप लगाया था कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान विजय मिश्रा ने सपा प्रत्याशी अपनी बेटी सीमा मिश्रा के चुनाव प्रचार के लिए उसे बुलाया था। सीमा मिश्रा तब प्रयागराज (इलाहाबाद) सीट से चुनाव लड़ रही थी। विजय मिश्रा ने मुलायम सिंह यादव से पैरवी कराकर सीमा को अखिलेश यादव से टिकट दिलवाया था।

यहीं नहीं विजय मिश्रा ने प्रयागराज में एक बड़ी चुनावी रैली की थी, जिसमें सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव, आजम खान, अखिलेश यादव और उनके मंत्रिमंडल के कई नेताओं ने हिस्सा लिया था और भाजपा को हराने की हुंकार भरी थी। सिंगर का आरोप है कि इस रैली के बाद ही उसे चुनाव प्रचार के लिए बुलाया गया और फिर अपने आवास में उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद विजय मिश्रा ने अपने बेटे और पोते से उसे वाराणसी छोड़ने के लिए कहा था। रास्ते में विजय मिश्रा के बेटे विष्णु मिश्रा और विकास मिश्रा ने उसके साथ रेप किया था।

बेटा विष्णु मिश्रा और नाती विकास मिश्रा साक्ष्य के अभाव में बरी

एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले की लंबी सुनवाई के बाद शुक्रवार को न्यायाधीश सुबोध सिंह ने बाहुबली नेता विजय मिश्रा को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था जबकि विष्णु मिश्रा और विकास मिश्रा को सबूत के अभाव में संदेश का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। विजय मिश्रा के वकीलों का कहना है कि इस फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में याचिका दाखिल की जाएगी।

ज्ञानपुर विधानसभा सीट से चार बार विधायक रहे हैं विजय मिश्रा

बाहुबली नेता विजय मिश्रा चार बार विधायक रहे हैं। वह तीन बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर और चौथी बार निषाद पार्टी से ज्ञानपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। विजय मिश्रा ने भदोही से कांग्रेस ब्लॉक प्रमुख के रूप में तीन दशक पहले राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी। इसके बाद वह सपा में शामिल हुए और ज्ञानपुर सीट से वर्ष 2002, वर्ष 2007 और वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव सपा के टिकट से जीता।

वर्ष 2017 में विजय मिश्रा अखिलेश यादव से उनकी खटपट हो गई और अखिलेश ने अपनी ‘बाहुबली -विरोधी’ छवि को मजबूत करने के लिए उनका टिकट काट दिया। इसके बाद विजय मिश्रा ने निषाद पार्टी से हाथ मिलाया और वर्ष 2017 का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में मोदी लहर के बावजूद उनकी जीत हुई।

एक दर्जन से भी अधिक गंभीर अपराध के मामले दर्ज

फिलहाल इसके बाद विजय मिश्रा के खिलाफ लोगों ने आवाज उठानी शुरू कर दी और सिंगर द्वारा उनके खिलाफ दर्ज हुए मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई। इसके बाद सरकार ने अवैध तरीके से अर्जित की गई उनकी 63 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की। यहीं नहीं विजय मिश्रा के पेट्रोल पम्प से पुलिस ने एके-47 राइफल भी बरामद की। उनके खिलाफ इस समय एक दर्जन से भी अधिक गंभीर अपराध के मामले दर्ज हैं।

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