सहरसा, 27 अप्रैल। बाहुबली नेता व पूर्व सांसद आनंद मोहन की गुरुवार सुबह सहरसा जेल से रिहाई हो गई। पहले दोपहर में उनके रिहा होने की बात कही जा रही थी। रिहाई के बाद रोड शो और शक्ति प्रदर्शन की तैयारी भी की गई थी। लेकिन वह सुबह करीब सवा 6 बजे ही किसी शोर शराबे के बिना जेल से रिहा होकर निकल कर चले गए। जेल अधीक्षक ने इसकी पुष्टि की है।
जेल अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि शिवहर से पूर्व सासंद आनंद मोहन की रिहाई सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर हुई है। उन्होंने बिना किसी लाव-लश्कर के ही रिहाई ले ली। बताया जा रहा है कि विवाद से बचने के लिए उन्होंने यह फैसला लिया।
नीतीश सरकार ने कारा नियमों में बदलाव कर रिहाई का रास्ता साफ किया
गौरतलब है कि आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में आनंद मोहन 14 वर्षों से ज्यादा की सजा काट चुके थे। नीतीश सरकार ने हाल ही में कारा नियमों में बदलाव कर उनकी रिहाई का रास्ता साफ किया था। सोमवार को आनंद मोहन समेत 27 कैदियों की रिहाई का आदेश जारी किया गया।
जब यह आदेश आया, तब आनंद मोहन अपने बेटे चेतन की सगाई के सिलसिले में पैरोल पर थे। बुधवार को ही उनकी पैरोल अवधि खत्म हुई और वह सहरसा जेल लौटे। जेल में हाजिरी देने के बाद से उनकी रिहाई की कागजी कार्यवाही की गई। इसके बाद गुरुवार सुबह ही वह जेल से रिहा हो गए।
विवाद के चलते आनंद मोहन ने किसी शक्ति प्रदर्शन के बिना रिहाई ले ली
फिलहाल बाहुबली आनंद मोहन को रिहा करने के नीतीश सरकार के फैसले पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। आईएएस एसोसिशन के साथ ही दिवंगत जी. कृष्णैया के परिवार वालों ने आनंद मोहन की रिहाई को गलत बताया और सरकार के इस फैसले का विरोध किया। लोजपा रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी बुधवार को कहा कि सीएम नीतीश को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। बीजेपी में भी कुछ नेताओं ने आनंद मोहन की रिहाई को गलत बताया है। बताया जा रहा है कि विरोध और विवाद के चलते ही आनंद मोहन ने शक्ति प्रदर्शन के बिना ही सुबह-सुबह जेल से रिहाई ले ली।