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बाबा रामदेव का एलोपैथी पर फिर निशाना, बोले – आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का सम्मान, लेकिन वहां सिरदर्द का भी स्थायी इलाज नहीं

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नई दिल्ली, 24 मई। एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को ‘बकवास और दिवालिया साइंस’ कहकर विवादों में फंसे बाबा रामदेव ने अपने उस बयान के लिए एक बार फिर खेद जताया है। योग गुरु ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की बात का आदर करते हुए उन्होंने करुणा के साथ अपनी बात कही है ताकि ये विवाद खत्म हो। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने एलोपैथी पर फिर निशाना साधते हुए दावा किया कि इस चिकित्सा पद्धति में सिर दर्द का भी स्थायी इलाज नहीं है।

बाबा रामदेव ने कहा, ‘डॉक्टरों के योगदान को स्वामी रामदेव ने कभी नहीं नकारा, लेकिन टिप्पणी सुनकर वे इतने असहिष्णु क्यों हो जाते हैं। यही टिप्पणी जब अमेरिका के डॉक्टर करते हैं तो हम उनके खिलाफ बोल नहीं पाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कहता है कि कोरोना के लिए कोई दवा नहीं है। जो भी दवा दे रहे हैं, वो सिम्प्टोमैटिक दवा है, तब भी हम कुछ नहीं कह पाते।’

आयुर्वेद का अपमान क्यों किया जाता है?

उन्होंने कहा, ‘मैं डॉक्टरों का सम्मान करता हूं, मॉडर्न मेडिकल साइंस का सम्मान करता हूं। सबका सम्मान करते हुए मैं कहता हूं कि आयुर्वेद का अपमान क्यों किया जाता है? आयुर्वेद की आलोचना करना, उसे गाली देना, छद्म विज्ञान बताना गलत है? मैं एलोपैथी की आलोचना नहीं करता हूं। पूरी फार्मा इंडस्ट्री है, लेकिन डॉक्टर उसका शिकार क्यों हो जाते हैं? डॉक्टर किसी फॉर्मा कम्पनी का प्रतिनिधि तो नहीं होता।’

बाबा रामदेव ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि लाइफ सेविंग ड्रग, आपातकालीन चिकित्सा और सर्जरी में मेडिकल साइंस ने काफी प्रगति की है, लेकिन बाकी बीमारियों का समाधान देने के लिए वो तैयार हैं। एलोपैथी के पास क्या सिरदर्द, कब्ज, गैस, एसिडिटी का परमानेंट निदान है? फॉर्मा इंडस्ट्री के पास क्या थायरॉइड, आर्थराइटिस, कोलाइटिस की समस्या का स्थायी समाधान है?’

हमारे पास अस्थमा  आर्थराइटिस का पूरा इलाज

योग गुरु ने कोरोनारोधी दवा कोरोनिल का जिक्र करते हुए कहा कि आयुर्वेद पर आधारित और नूतन प्रयोग पर आधारित और तर्क, तथ्य, युक्ति और प्रमाण के आधार पर कही गई बात को झूठ क्यों करार दिया जाता है।

बाबा रामदेव ने कहा, ‘हमारे पास हाइपरटेंशन, डायबिटीज, अस्थमा का निदान है। मैं डॉक्टरों से पूछना चाहता हूं कि क्या आपके पास इसका समाधान है? दुनिया की कई सरकारें जो नहीं कर सकी हैं, वो आयुर्वेद ने कर दिखाया है। हमारे पास अस्थमा, आर्थराइटिस का पूरा इलाज है। फिलहाल मैंने अपना बयान वापस ले लिया है, अब ये मेरी जान लेंगे क्या?’

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