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भड़काऊ भाषण मामला : आजम खान की विधायकी समाप्त, स्पीकर सतीश महाना ने रद की सदस्यता

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लखनऊ, 28 अक्टूबर। भड़काऊ भाषण (हेट स्पीच) मामले में तीन वर्ष की सजा के एलान के बाद रामपुर से सपा विधायक मो. आजम खान को एक और बड़ा झटका लगा, जब शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महान ने उनकी सदस्यता रद कर दी। सपा के कद्दावर नेता के लिए यह सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है।

आकाशदास सक्सेना की शिकायत पर स्पीकर ने की काररवाई

शिकायतकर्ता आकाशदास सक्सेना की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने यह काररवाई की है। आकाश सक्सेना ने विधानसभा अध्यक्ष के अलावा भारत निर्वाचन आयोग को भी आजम की सदस्यता रद करने की शिकायत भेजी थी। स्पीकर ने सदस्यता रद करने के बाद रामपुर विधानसभा का पद रिक्त होने की सूचना भी चुनाव आयोग को भेज दी है।

गौरतलब है कि पूर्व मंत्री आजम खान को गुरुवार एमपी-एमएलए कोर्ट ने हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) के मामले में तीन वर्ष की सजा सुनाई थी। उन पर छह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। तभी से उनकी सदस्यता जाने का खतरा मंडरा रहा था। सजा के एलान के बाद हालांकि आजम को तुरंत कोर्ट से जमानत मिल गई थी। गुरुवार की दोपहर करीब दो बजे एमपीएमएलए की विशेष अदालत ने सुनवाई शुरू करने के बाद आजम को दोषी ठहराते ही कस्टडी में ले लिया था। चार बजे के करीब अदालत ने फैसला सुनाया था। इस दौरान आजम खां कस्टडी में ही रहे थे।

तीन धाराओं में दर्ज हुआ था केस

मो. आजम खानके खिलाफ तीन धाराओं में केस दर्ज हुआ था। तीनों ही मामलों में उन्हें दोषी माना गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम पर भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि भाषण के दौरान आजम खां ने पीएम मोदी और सीएम योगी पर भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था।

जनप्रतिनिधि को सजा पर प्रावधान

दरअसल, जनप्रतिनिधियों के लिए बने कानून के मुताबिक यदि किसी विधायक को दो वर्ष से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो फिर उसकी सदस्यता चली जाती है। आजम खां के लिए यही बहुत बड़ा संकट है। इससे पहले अयोध्या की गोसाईगंज विधानसभा सीट से भाजपा विधायक खब्बू तिवारी को अपनी विधायकी गवानी पड़ी थी। उन्हें कोर्ट ने दो वर्ष से ज्यादा की सजा सुनाई थी। वर्ष 2019 के चुनाव में आजम खां रामपुर से सांसद चुने गये थे। रामपुर से ही इसी साल विधायक बनने पर उन्होंने सांसदी से इस्तीफा दे दिया था।

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