रामपुर (उत्तर प्रदेश), 10 सितम्बर। समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री मो. आजम खान को उस वक्त जबर्दस्त आघात लगा, जब उनकी बनाई जौहर यूनिवर्सिटी की 70 हेक्टेयर जमीन पर उत्तर प्रदेश सरकार का कब्जा हो गया।
इलाहाबाद हाई कोर्ट से आजम खान की याचिका खारिज
उत्तर प्रदेश सरकार की काररवाई के खिलाफ आजम खान की याचिका भी बीते दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट में खारिज हो गई। इसके साथ ही यूपी सरकार द्वारा यूनिवर्सिटी की 70 हेक्टेयर जमीन वापस लेने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई। तहसीलदार प्रमोद कुमार ने बताया, ‘हाई कोर्ट ने जमीन वापस लेने की प्रक्रिया से जुड़ी याचिका खारिज कर दी है, ऐसे में अब हम जमीन पर कब्जा ले रहे हैं।’
सपा सरकार के दौरान बनी थी जौहर यूनिवर्सिटी
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान आजम खान ने रामपुर के ही स्वतंत्रता सेनानी मौलाना मोहम्मद अली जौहर के नाम पर मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का निर्माण किया। लेकिन प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद आजम खान के खिलाफ जमीन कब्जे सहित तमाम मामलों में 100 से अधिक मुकदमे दर्ज कर दिए गए और वह अपने बेटे अब्दुल्ला आजम सहित पिछले लगभग डेढ़ वर्ष से रामपुर जेल में बंद हैं।
जमींदारी उन्मूलन अधिनियम 1950 के सीलिंग नियम के तहत हुई काररवाई
इसी कड़ी में जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ भी तमाम कार्रवाई शुरू की गई थी। दरअसल, जमींदारी उन्मूलन अधिनियम 1950 के सीलिंग के नियम के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति, परिवार या संस्था साढ़े 12 एकड़ से अधिक जमीन बिना प्रदेश सरकार की अनुमति के नहीं रख सकता।
रामपुर जिला प्रशासन ने इसी नियम के अंतर्गत एक्शन लिया और जौहर यूनिवर्सिटी की अतिरिक्त जमीन पर कब्जा लेने का फैसला किया। बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साढ़े 12 एकड़ से अतिरिक्त भूमि को सरकार में दर्ज किए जाने के एडीएम प्रशासन के निर्णय को बरकरार रखा।