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राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य अभियान से जुड़ा आयुष मंत्रालय, 17 सितम्बर से होगी शुरुआत

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नई दिल्ली, 14 सितम्बर। आयुष मंत्रालय ने रविवार को घोषणा की कि वह 17 सितम्बर से शुरू होने वाले राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य अभियान ‘स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान’ में भाग लेगा। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शुरू किया जा रहा है।

पीएम मोदी ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान का करेंगे शुभारंभ

पीएम मोदी 17 सितम्बर को ही ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान और आठवें पोषण माह का शुभारंभ करेंगे। यह देशव्यापी पहल महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण को नई दिशा देने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है। इसे अब तक का सबसे बड़ा महिला और बाल स्वास्थ्य जन-आंदोलन माना जा रहा है।

पूरे देश में एक लाख से अधिक स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मिलकर इस अभियान का नेतृत्व करेंगे। इसमें पूरे देश में एक लाख से अधिक स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में रोजाना स्वास्थ्य शिविर आयोजित होंगे, जहां महिलाओं की व्यापक स्वास्थ्य जांच की जाएगी।

इस अभियान को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन, आयुष की अनुसंधान व शैक्षणिक संस्थाओं, उद्योगों, स्वयंसेवी संगठनों, संघों और सहकारी समितियों के सहयोग से चलाया जाएगा। इसके तहत महिलाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और बीमारियों की जांच पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान महिलाओं को घरेलू नुस्खे और पोषण किट वितरित की जाएंगी। साथ ही औषधीय पौधों और हर्बल चाय के फायदों पर जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे।

कॉर्पोरेट महिलाओं के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाएगा

अभियान में कॉर्पोरेट महिलाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए आयुर्वेद आधारित वेलनेस कार्यक्रम और योग पर आधारित माइंडफुलनेस प्रैक्टिस आयोजित की जाएंगी। कुल 16 दिनों तक चलने वाले इस अभियान में विभिन्न गतिविधियां शामिल होंगी। इनमें महिलाओं के लिए स्वास्थ्य जांच और स्क्रीनिंग कैंप होंगे, जहां गैर-संचारी रोग, कैंसर, एनीमिया, टीबी और सिकल सेल रोग की जांच की जाएगी। साथ ही मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, पोषण और स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम तथा स्वैच्छिक रक्तदान शिविर भी होंगे।

राज्य व केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर स्कूलों में जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे

आयुष मंत्रालय ने बताया कि अभियान के दौरान एनीमिया, NCDs (गैर-संचारी रोग) और PCOD (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज) के लिए आयुष पद्धति से उपचार पर भी विशेष जोर दिया जाएगा। इसके अलावा जीवनशैली परामर्श के लिए विशेष कियोस्क, योग सत्र और ‘प्रकृति परीक्षण’ जैसी सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर स्कूलों में जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे। रेडियो, टीवी और सोशल मीडिया के जरिए संदेश फैलाया जाएगा। वहीं पंचायत स्तर पर महिला स्वयं सहायता समूह रैलियां और शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित करेंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जा सके।

गर्भावस्था से लेकर पेलिएटिव केयर तक कवर किया जाएगा

इस अभियान के तहत महिलाओं की स्वास्थ्य सेवाओं को गर्भावस्था से लेकर पेलिएटिव केयर (दीर्घकालिक देखभाल) तक कवर किया जाएगा। इस दौरान हर दिन सोशल मीडिया पर आयुष हेल्थ टिप्स साझा की जाएंगी। इनमें एनीमिया मुक्त महिलाएं, मातृ स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन, हर्बल न्यूट्रिशन और हड्डियों की मजबूती जैसे विषय शामिल होंगे। इन जानकारियों का उद्देश्य महिलाओं को अपने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने और उनका समाधान करने में मदद करना है।

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