इस्लामाबाद, 7 जनवरी। पाकिस्तान न्यायिक आयोग (जेसीपी) ने लाहौर उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति आयशा ए मलिक को देश के उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत की मंजूरी दे दी है, जिसके बाद वह शीर्ष न्यायालय में पाकिस्तान की पहली महिला न्यायाधीश बनेंगी। डॉन अखबार ने शुक्रवार को यह रिपोर्ट दी है।
मलिक की पदोन्नति को जेसीपी ने गुरुवार को मंजरी दी। चीफ जस्टिस गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाले पाकिस्तानी न्यायिक आयोग ने उनकी नियुक्ति को बहुमत के आधार पर (चार के मुकाबले पांच वोट) मंजूरी दी। यह दूसरी बार है जब जेसीपी ने न्यायमूर्ति मलिक की पदोन्नति पर फैसला करने के लिए बैठक की।
पिछले साल नौ सितंबर को जेसीपी की एक विस्तारित बैठक के दौरान आम सहमति न बन पाने से आयोग को उनकी पदोन्नति को अस्वीकार करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। न्यायमूर्ति मलिक की पदोन्नति का पाकिस्तान बार काउंसिल (पीसीबी) ने भी विरोध किया था।
पीसीबी ने ने विरोध किया कि कई वरिष्ठ न्यायाधीशों को दरकिनार कर उनकी पदोन्नति की जा रही है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी थी कि अगी जेसीपी की बैठक को रद्द नहीं किया गया, तो पीबीसी और सभी बार एसोसिएशन उच्च न्यायपालिका से लेकर निचली अदालतों तक सभी अदालती कार्यवाही का बहिष्कार करेंगी।