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एशियाड एथलेटिक्स : अविनाश साबले ने 3000 मीटर स्टीपलचेज में एशियाई खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया

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हांगझू, 1 अक्टूबर। स्टीपलचेजर अविनाश साबले और शॉट पटर (गोला प्रक्षेपक) तजिंदरपाल सिंह तूर की अगुआई में भारतीय एथलीटों ने हांगझू एशियाई खेलों की ट्रैक एंड फील्ड मुकाबलों में रविवार को दमदार उपस्थिति दर्ज कराई और आठ स्पर्धाओं में दो स्वर्ण, चार रजत व तीन कांस्य पदक सहित कुल नौ पदक जीत लिए।

तजिंदरपाल सिंह गोला प्रक्षेप में खिताब बचाने में सफल रहे

हांगझू ओलम्पिक स्पोर्ट्स सेंटर स्टेडियम में अविनाश साबले ने जहां तीन हजार मीटर स्टीपलचेज में खेलों के नए रिकॉर्ड के साथ बाजी मारी वहीं एशियाई रिकॉर्डधारी तजिंदरपाल गोला प्रक्षेप में अपना खिताब बचाने में सफल रहे। पुरुषों की ही 1500 मीटर फाइनल में अजय कुमार सरोज और पिछले विजेता जिन्सन जॉनसन ने क्रमशः रजत व कांस्य पदक जीते तो लम्बी कूद में मुरली श्रीशंकर को रजत पदक मिला।

पदक तालिका में देशों की ताजा स्थिति

उधर महिलाओं की 1500 मीटर रेस में हरमिलन बैंस रजत पदक जीतने में सफल रहीं तो दिन की अंतिम स्पर्धा यानी 100 मीटर बाधा दौड़ में ज्योति याराजी को विवाद के बाद रजत पदक मिला जबकि हेप्टॉथलान में नंदिनी अगासरा व चक्का प्रक्षेप में सीमा पुनिया को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

एथलेटिक्स में भारत के पदकों की संख्या 12 पहुंची

हांगझू खेलों की एथलेटिक्स पदक तालिका में आज के नौ पदकों के साथ भारत के कुल मेडल्स की संख्या 12 (2+5+5) हो गई है। इससे पहले किरण बालियान ने शुक्रवार को महिलाओं की शॉट पट (गोला प्रक्षेप) स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था जबकि शनिवार को पुरुषों की 10000 मीटर रेस में कार्तिक कुमार व गुलवीर सिंह ने क्रमशः रजत व कांस्य पदक जीते थे।

अविनाश ने जकार्ता खेलों में स्थापित रिकॉर्ड तोड़ा

अविनाश साबले की बात करें तो उन्होंने 3000 मीटर स्टीपलचेज में 8:19:53 समय के साथ खेलों का नया रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने चार वर्ष पहले ईरानी होसैन किहानी द्वारा स्थापित रिकॉर्ड को तीन सेकेंड के अंतर से अपने नाम कर लिया।

राष्ट्रकुल खेलों में स्थापित अपना राष्ट्रीय कीर्तिमान नहीं तोड़ सके

पिछले वर्ष बर्मिंघम राष्ट्रकुल खेलों में साबले ने 8:11.20 के समय के साथ भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाकर रजत पदक जीता था। हालांकि, अफ्रीकी धावकों की अनुपस्थिति में साबले ने अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ से आठ सेकेंड से पीछे होने के बावजूद खुद को एशिया के सर्वश्रेष्ठ एथलीट के रूप में स्थापित किया। वहीं जापान के रयोमा आओकी (8:23.75) और सेइया सुनदा (8:26.47) ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता।

तजिंदरपाल ने अपने अंतिम प्रयास में स्वर्णिम प्रक्षेप किया

अविनाश से पहले तजिंदरपाल ने अपने खिताब को डिफेंड करते हुए स्वर्ण पदक जीता। 21.77 मीटर का एशियाई रिकॉर्ड और 20.75 का एशियन गेम्स रिकार्ड रखने वाले तजिंदरपाल ने अंतिम प्रयास में 20.36 मीटर का स्वर्णिम थ्रो किया। सऊदी अरब के मोहम्मद टोलो (20.18 मीटर) और चीन के लियु यांग (19.97 मीटर) क्रमशः दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे।

लम्बी कूद में मुरली श्रीशंकर को राष्ट्रमंडल खेलों के बाद एशियाड में भी रजत

इस बीच लम्बी कूद के खिलाड़ी मुरली श्रीशंकर ने, जिन्होंने पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में दूसरा स्थान हासिल किया था, 8.19 मीटर की छलांग के साथ अपने पदक में इजाफा करते हुए यहां भी रजत पदक जीता। पोडियम पर अन्य दो स्थान चीन ने हासिल किए, जिसमें जियानान वांग (8.22 मीटर) ने स्वर्ण और युहाओ ची (8.10 मीटर) ने कांस्य पदक हासिल किया।

लेकिन दूसरे भारतीय एथलीट जेस्विन एल्ड्रिन 8 मीटर का आंकड़ा पार नहीं कर सके और 7.76 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग के साथ आठवें स्थान पर रहे। उन्होंने इस साल की शुरुआत में भारत के लिए 8.42 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था।

जिन्सन जॉनसन 1500 मीटर दौड़ का खिताब नहीं बचा सके

इस बीच जिन्सन जॉनसन पुरुषों की 1500 मीटर दौड़ में अपना खिताब डिफेंड नहीं कर सके। जकार्ता 2018 संस्करण से बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद जॉनसन को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। भारत के राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक ने 3:39.74 के समय के साथ कांस्य पदक जीता। चार साल पहले उन्होंने 3:44.72 सेकेंड के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता था।

एशियाई चैम्पियन अजय कुमार रजत जीतने में सफल रहे

हालांकि भारत के एशियाई चैंपियन अजय कुमार सरोज ने 3:38.94 के समय के साथ रजत पदक जीता। भारतीय एथलीट को कतर के मोहम्मद अलगार्नी से मामूली अंतर से हार मिली, जिन्होंने 3:38.36 के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता।

स्वप्ना हेप्टाथलॉन के स्वर्ण पदक की रक्षा नहीं कर सकीं

उधऱ स्वप्ना बर्मन महिलाओं की हेप्टाथलॉन स्पर्धा में जकार्ता में जीता गया स्वर्ण पदक गंवा बैठीं। स्वप्ना को चीन की निनाली झेंग से शिकस्त मिली। चीनी खिलाड़ी ने सात स्पर्धाओं में 6149 अंक हासिल किए और उनके बाद उज्बेकिस्तान की एकातेरिना वोरोनिना रहीं, जिन्होंने 6056 अंक हासिल किए।

कांस्य विजेता नंदिनी ने सीनियर वर्ग में पहला पदक हासिल किया

अंडर-20 विश्व चैंपियनशिप की फाइनलिस्ट भारत की नंदिनी अगासरा ने 5712 अंकों के साथ कांस्य जीतकर सीनियर वर्ग में अपना पहला बड़ा पदक हासिल किया। वहीं स्वप्ना बर्मन (5708) सिर्फ चार अंकों से पोडियम से चूक गईं।

चक्का प्रक्षेपक सीमा ने एशियाड में पूरी की पदकों की हैट्रिक

डिस्कस थ्रोअर (चक्का प्रक्षेपक) सीमा पूनिया ने कांस्य पदक के साथ एशियाई खेलों में अपने पदकों की हैट्रिक पूरी की। 2014 और 2018 संस्करण के विपरीत, 40 वर्षीय सीमा पूनिया 60 मीटर की दूरी पार नहीं कर सकीं और 58.62 मीटर के प्रयास के साथ वह तीसरे स्थान पर रहीं। चीन की बिन फेंग (67.93) ने एशियाई खेलों के रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। झिचाओ जियांग के 61.04 मीटर थ्रो ने उन्हें रजत पदक दिलाया।

हरमिलन बैंस महिलाओं की 1500 मी. दौड़ में दूसरे स्थान पर रहीं

लगातार चोटों के बाद इस सीजन की शुरुआत में मैदान पर वापसी करने वाली भारतीय धावक हरमिलन बैंस ने भी महिलाओं की 1500 मीटर दौड़ में 4:12.74 के समय के साथ पोडियम पर अपने कदम रखे। उन्होंने बहरीन की विनफ्रेड यावी से 1.09 सेकेंड पीछे रहते हुए रजत पदक जीता। बहरीन की ही मार्टा हिरपाटो योटा ने 4:15.97 के साथ कांस्य पदक जीता।

100 मीटर बाधा दौड़ में ज्योति याराजी का पदक अपग्रेड किया गया

दिन की अंतिम स्पर्धा यानी महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में विवाद देखने को मिला, जिसमें भारतीय धाविका ज्योति याराजी का पदक अपग्रेड करते हुए रजत में तब्दील किया गया। ज्योति याराजी ने 12.91 सेकेंड में अपनी रेस पूरी और शुरुआत में उन्हें कांस्य पदक से सम्मानित किया गया था। हालांकि, बाद में उनके मेडल को रजत पदक में अपग्रेड कर दिया गया क्योंकि रिव्यू के बाद पता चला कि चीन की वू यान्नी ने रेस के पहले स्टार्ट में गन की आवाज से पहले ही दौड़ की शुरुआत कर दी थी।

रेस फिर से शुरू हुई और वू यान्नी प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहीं, जबकि ज्योति याराजी तीसरे स्थान पर रहीं। हालांकि, वू यान्नी को बाद में उनके पहले प्रयास में गलत शुरुआत के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। चीन की लिन युवेई ने 12.74 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि जापान की युमी तनाका ने, जो शुरुआत में चौथे स्थान पर थीं, 13.04 सेकेंड के साथ कांस्य पदक जीता।

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