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विश्व कप क्रिकेट : दक्षिण अफ्रीका पर रोमांचक जीत से ऑस्ट्रेलिया आठवीं बार फाइनल में, भारत से खिताबी टक्कर तय

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कोलकाता, 16 नवम्बर। भारत बनाम न्यूजीलैंड मैच की अपेक्षा गुरुवार को यहां दूसरे सेमीफाइनल में रनों की आतिशबाजी देखने को नहीं मिली, हालांकि बोर्ड पर कम रन टांगने के बावजूद बावजूद दक्षिण अफ्रीका ने शानदार गेंदबाजी से मुकाबले को काफी संघर्षपूर्ण बना दिया। अंततः पांच बार के पूर्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया ने एकबारगी आसान नजर आ रहे मुकाबले में 16 गेंदों के रहते तीन विकेट की रोमांचक जीत हासिल की और आठवीं बार आईसीसी एक दिनी क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में प्रवेश कर लिया।

ईडन गॉर्डन्स में पहले बल्लेबाजी करने उतरी दक्षिण अफ्रीकी टीम कंगारुओं की मारक गेंदबाजी का मजबूती से सामना नहीं कर सकी और डेविड मिलर के इकलौते शतकीय प्रयास (101 रन, 116 गेंद, पांच छक्के, आठ चौके) के बावजूद 49.4 ओवरों में 212 रनों पर सीमित हो गई। जवाब में ओपनर ट्रेविस हेड के आक्रामक अर्धशतक (62 रन, 48 गेंद, दो छक्के, नौ चौके) के बाद ऑस्ट्रेलिया को प्रोटेस गेंदबाजों ने कड़े संघर्ष के लिए बाध्य कर दिया। फिलहाल अन्य बल्लेबाजों की उपयोगी पारियों से जीत अंततः कंगारुओं की चेरी बनी, जिन्होंने धैर्य कायम रखते हुए 47.2 ओवरों में सात विकेट पर 215 रन बना लिए।

एक बार फिर दुर्भाग्यशाली साबित हुए दक्षिण अफ्रीकी

इस प्रकार देखा जाए तो दक्षिण अफ्रीकी एक बार फिर दुर्भाग्यशाली साबित हुए और चौथी बार सेमीफाइनल में प्रवेश के बाद पहले फाइनल में प्रवेश का उनका मंसूबा अधूरा ही रह गया। इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि राउंड रॉबिन लीग में धाकड़ प्रदर्शन के बीच दक्षिण अफ्रीकी टीम नौ मैचों में सात जीत के सहारे भारत के बाद दूसरे स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल तक पहुंची थी। इस दौरान ओपनर क्विंटन डीकॉक ने एक नहीं, चार शतक ठोके थे। शीर्ष क्रम के अन्य बल्लेबाजों ने भी अच्छे हाथ दिखाए थे। लेकिन आज महत्वपूर्ण मौके पर मिलर अकेले पड़ गए और सभी नामी बल्लेबाज सस्ते में निबट गए।

बाद में गेंदबाजों ने जबर्दस्त संघर्ष से मुकाबले को वाकई रोमांचक बना दिया। इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि एक समय ऑस्ट्रेलिया को 36 ओवरों में सिर्फ 107 रनों की दरकार थी। फिलहाल एक तरफ दक्षिण अफ्रीकी क्षेत्ररक्षकों ने नाजुक मौकों पर कुछ कठिन कैच छोड़े और दूसरी तरफ ट्रेविस हेड व डेविड वॉर्नर के बाद स्टीव स्मिथ, जॉश इंग्लिस और अंत में कप्तान पैट कमिंस व मिचेल स्टार्क ने धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी से टीम को मंजिल दिला दी, जिसने टूर्नामेंट के शुरुआती दो मुकाबलों में पराजय के बाद लगातार आठवीं जीत हासिल की।

24 रनों के भीतर शीर्ष क्रम के 4 दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज लौट चुके थे

वस्तुतः दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत ही बिगड़ गई, जब बदलीयुक्त मौसम में मिचेल स्टार्क (3-34), जोश हेजलवुड (2-12) व कप्तान पैट कमिंस (3-51) के सामने 12वें ओवर में सिर्फ 24 रनों के भीतर चार शीर्ष बल्लेबाज लौट गए। इनमें क्विंटन डीकॉक (3), कप्तान टेम्बा बावुमा (0), रेसी वान डेर डुसेन (6) व एडेन मार्करम (10) शामिल थे।

मिलर व क्लासेन के बीच 95 रनों की साझेदारी

हालांकि छठे क्रम पर उतरे डेविड मिलर ने धैर्य नहीं खोया और 14 ओवरों में 44 के स्कोर पर बारिश के चलते कुछ देर तक खेल रुकने के बाद उन्होंने हेनरिक क्लासेन (47 रन, 48 गेंद, दो छक्के, चार चौके) के साथ 113 गेंदों पर 95 रनों की साझेदारी से स्थिति संभाली। तभी ऑफ ब्रेक गेंदबाज ट्रेविस हेड (2-21) ने 31वें ओवर में न सिर्फ क्लासेन को बोल्ड मारकर रफ्तार पकड़ रही भागीदारी तोड़ी वरन अगली ही गेंद पर मार्को यान्सेन (0) को चलता कर विपक्षी खेमे को फिर अधर में डाल दिया।

मिलर ने 5 वर्षों बाद जड़ा पहला शतक

खैर, मिलर ने गेराल्ड कोट्जी (19 रन, दो चौकै) संग 53 रनों की अर्धशतकीय भागीदारी की और फिर केशव महाराज (4) व कगिसो रबाडा (10 रन, 12 गेंद, एक छक्का) की मौजूदगी में स्कोर आगे बढ़ाया। उन्होंने 48वें ओवर में कमिंस पर छक्का जड़ने के साथ पांच वर्षों बाद अपना पहला शतक जड़ने के साथ दल का स्कोर 200 के पार पहुंचाया। लेकिन विश्व कप नॉकआउट मैच में किसी दक्षिण अफ्रीकी के सर्वोच्च स्कोर पर दो गेंद बाद ही विराम लग गया, जब वैसा ही छक्का जड़ने के प्रयास में मिलर सीमा रेखा पर ट्रेविस हेड को कैच दे बैठे।

ट्रेविस हेड व वॉर्नर ने 38 गेंदों पर जोड़े 60 रन

सामान्य लक्ष्य के सामने ट्रेविस हेड व डेविड वॉर्नर (29 रन, 18 गेंद, चार छक्के, एक चौका) ने ऑस्ट्रेलिया को तेज शुरुआत दे दी और सिर्फ 38 गेंदों पर 60 रनों की साझेदारी कर दी। यहां एक रन की वृद्धि पर कंगारुओं को दो झटके लगे, जब सातवें ओवर में मार्करम ने वॉर्नर को बोल्ड मारा तो अगले ओवर में कगिसो रबाडा ने मिचेल मार्श को खाता नहीं खोलने दिया। हालांकि ट्रेविस हेड ने स्टीव स्मिथ (30 रन, 62 गेंद, दो चौके) के साथ मिलकर टीम का स्कोर 100 के पार पहुंचा दिया।

स्पिनरद्वय शम्सी और केशव ने कंगारुओं पर बढ़ाया दबाव

ऑस्ट्रेलिया 14 ओवरों में 106 रन बना चुका था और टीम बड़ी जीत की ओर बढ़ चली थी। लेकिन तभी केशव महाराज (1-24) व तबरेज शम्सी (2-42) के रूप में दो वामहस्त स्पिनरों ने ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बढ़ाना शुरू किया। इस क्रम में केशव महाराज ने ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ ट्रेविस हेड को बोल्ड मारा तो शम्सी ने लगातार ओवरों में मार्नस लाबुशेन (18 रन, दो चौके) व अफगानिस्तान के खिलाफ अविश्वसनीय दोहरा शतक जड़ने वाले ग्लेन मैक्सवेल (1) को चलता कर एकबारगी विपक्षी खेमे को सकते में ही डाल दिया।

स्कोर कार्ड

हालांकि स्टीव स्मिथ ने मौके की नजाकत भांपते हुए धैर्य दिखाया और जॉश इंग्लिस (28 रन, 49 गेंद, तीन चौके) के साथ मिलक दबाव हटाना शुरू किया। दोनों ने मिलकर 33 ओवरों में स्कोर 174 रन तक पहुंचाया तो 102 गेंदों पर जीत के लिए सिर्फ 39 रनों की दरकार थी। तभी स्मिथ का ध्यान अचानक भंग हुआ। वह गेराल्ड कोट्जी (2-42) की शॉर्ट लेंग्थ गेंद को लाइन के विपरीत खेल बैठे और हवा में ऊंची टंगी गेद को कीपर डीकॉक ने धैर्य दिखाते हुए पकड़ लिया।

कमिंस व स्टार्क ने ऑस्ट्रेलिया की जीत पर लगाई अंतिम मुहर

मुकाबले में रोमांच फिर करवट ले चुका था। इंग्लिस ने मिचेल स्टार्क (नाबाद 16 रन, 38 गेंद, दो चौके) का साथ पाकर स्कोर बढ़ाया, तभी 40वें ओवर में कोट्जी ने बेहतरीन यॉर्कर पर इंग्लिस को बोल्ड मार दिया (7-193)। खैर, पूर्व में कई मौकों पर टीम को मंजिल दिला चुके कप्तान पैट कमिंस (नाबाद 14 रन, 29 गेंद, दो चौके) ने स्टार्क का साथ निभाया और दोनों ने 45 गेंदों पर मेहनतकश अटूट 22 रनों की साझेदारी से दल का फाइनल में टिकट सुनिश्चित कर दिया। कमिंस ने ही 48वें ओवर में मार्को यान्सेन पर विजयी चौका जड़ा।

भारत व ऑस्ट्रेलिया के बीच 19 नवम्बर को होगा फाइनल

अब दो दिनों के विश्राम के बाद क्रिकेटीय महाकुंभ के अंतिम मुकाबले का मंच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में सजेगा, जब विश्व रैंकिंग की शीर्ष दो टीमें यानी मेजबान भारत और ऑस्ट्रेलिया फाइनल में आमने-सामने होंगी। चौथी बार फाइनल में पहुंचा भारत जहां 1983 व 2011 के बाद अपने तीसरे खिताब के लिए उतरेगा वहीं 1987, 1999, 2003, 2007 व 2015 के विजेता ऑस्ट्रेलिया की निगाहें छठे खिताब पर होंगी।

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