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एटीएस का खुलासा : पाक महिला जासूस के दीवाने हो गए थे डीआरडीओ वैज्ञानिक प्रदीप, कई खुफिया जानकारियां साझा कीं

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पुणे, 8 जुलाई। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर एक पाकिस्तानी महिला जासूस ज़ारा दासगुप्ता के इतने दीवाने हो गए थे कि उन्होंने कई खुफिया जानकारियां भी साझा क दीं। इसमें मिसाइल सिस्टम से जुड़ी जानकारियां भी शामिल हैं।

गौरतलब है कि वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर पुणे स्थित रक्षा DRDO की एक प्रयोगशाला के निदेशक थे। कुरुलकर को शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। अब वह न्यायिक हिरासत में हैं।

वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए भी ज़ारा से बातचीत किया करते थे

महाराष्ट्र पुलिस के एटीएस ने पिछले हफ्ते कोर्ट में कुरुलकर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया, जिसमें ये आरोप लगाए हैं। आरोप पत्र के अनुसार कुरुलकर और जारा दासगुप्ता ह्वाट्सएप के जरिए संपर्क में रहने के साथ-साथ वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए भी बातचीत किया करते थे।

आईपी एड्रेस के जरिए पता चला

एटीएस के आरोप पत्र के अनुसार पाकिस्तानी जासूस ने दावा किया था कि वह ब्रिटेन में रहती है और सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। उसने कुरुलकर को अश्लील संदेश और वीडियो भेजकर उससे दोस्ती की। जांच के दौरान उसका आईपी एड्रेस पाकिस्तान का पाया गया। आरोप पत्र के अनुसार पाकिस्तानी एजेंट ने ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री ब्रिजिंग सिस्टम समेत अन्य के बारे में खुफिया और संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की।

ज़ारा के 6 माह तक संपर्क में रहे कुरुलकर

आरोप पत्र के अनुसार कुरुलकर पाकिस्तानी एजेंट ज़ारा दासगुप्ता के प्रति आकर्षित हो गए थे। उन्होंने डीआरडीओ की खुफिया और संवेदनशील जानकारियां अपने निजी फोन में लीं। फिर इन्हें ज़ारा के साथ साझा किया। एटीएस के मुताबिक दोनों छह महीने तक तक यानी जून, 2022 से दिसम्बर, 2022 तक संपर्क में थे।

गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद DRDO ने शुरू की जांच

डीआरडीओ ने कुरुलकर की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद आंतरिक जांच शुरू की। इससे ठीक पहले उन्होंने फरवरी, 2023 में ज़ारा का नंबर ब्लॉक कर दिया था। इसके बाद कुरुलकर को एक अज्ञात भारतीय नंबर से ह्वाट्सएप पर मैसेज मिला कि आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक कर दिया। बातचीत के रिकॉर्ड से पता चला है कि कुरुलकर ने पाकिस्तानी एजेंट के साथ अपना निजी और आधिकारिक कार्यक्रम और स्थान साझा किए जबकि उन्हें पता था कि ऐसा किसी के साथ नहीं करना है।

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