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हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव घोषित – 12 नवम्बर को एक चरण में मतदान, 8 दिसंबर को घोषित होंगे नतीजे

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नई दिल्ली, 14 अक्टूबर। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी। यहां विज्ञान भवन में आहूत प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने कहा कि पहाड़ी राज्य में एकमात्र चरण यानी 12 नवम्बर को मतदान कराया जाएगा जबकि मतगणना आठ दिसम्बर को होगी। फिलहाल गुजरात के लिए चुनाव तारीखों का आज एलान नहीं किया गया।

68 विधानसभा सीटों वाले राज्य में 17 अक्टूबर को जारी होगी अधिसूचना

सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि 68 विधानसभा सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में चुनाव की अधिसूचना 17 अक्टूबर को जारी होगी। 25 अक्टूबर तक प्रत्याशी नामांकन करा सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 27 अक्टूबर को होगी। 29 अक्टूबर तक प्रत्याशी अपनी दावेदारी वापस ले सकते हैं। 12 नवम्बर को वोटिंग होगी और 8 दिसम्बर को नतीजे घोषित होंगे।

मौजूदा भाजपा सरकार का कार्यकाल 8 जनवरी को खत्म होगा

राजीव कुमार ने कहा कि अक्टूबर त्योहारों का महीना है और इसमें ‘लोकतंत्र का त्योहार’ भी जुड़ने जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने पिछले कई महीनों से तैयारी की है। कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर भी तैयारी की गई है। उन्होंने हिमाचल में मौजूदा भाजपा सरकार का कार्यकाल आठ जनवरी, 2023 को खत्म हो रहा है।

हिमाचल में 55 लाख मतदाता, 15 लाख वोटर्स बैलेट के जरिए मतदान करेंगे

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि राज्य में कुल 55 लाख मतदाता हैं। इनमें से 15 लाख मतदाता बैलेट के जरिए मतदान करेंगे। 1.6 लाख वोटर्स पहली बार वोट डालेंगे। उन्होंने कहा कि वोटर्स लिस्ट का पब्लिकेशन हो चुका है। नए मतदाता जोड़े गए हैं। त्रुटियों को दूर किया गया है। शहरों में वोटिंग बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया है।

वोटर कार्ड नहीं है तो भी अन्य दस्तावेजों के सहारे डाला जा सकता है वोट

राजीव कुमार ने 2019 के लोकसभा चुनाव का भी उदाहरण दिया कि मेट्रो शहरों में मतदान कम हुआ था। सभी विधानसभा क्षेत्रों में उन क्षेत्रों में मतदान बढ़ाने की कोशिश की जा रही है, जहां पहले मतदान कम होता रहा है। उन्होंने कहा कि यदि किसी के पास वोटर कार्ड नहीं है तो भी दूसरे अन्य दस्तावेजों के सहारे वोट डाल सकते हैं।

पोलिंग बूथ की व्यवस्था

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हर बूथ पर एक रैंप की व्यवस्था होगी। पीने की पानी की व्यवस्था होगी। हर बूथ ग्राउंड फ्लोर पर होगा। मतदाताओं को अधिकतम सुविधा देने की कोशिश होगी। कुछ पोलिंग बूथ ऐसे होंगे, जिनका संचालन सिर्फ महिलाएं करेंगी। हर विधानसभा में कम से कम एक ऐसा बूथ होगा। यह महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करेगा। कुछ पोलिंग स्टेशन को दिव्यांग कर्मचारी संभालेंगे।

बैलेट पेपर की व्यवस्था

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं को पोस्टल बैलेट की सुविधा दी जाएगी। निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी। वोट की गोपनीयता से समझौता किए बिना प्रक्रिया की जाएगी।

शिकायत की सुविधा, 60 मिनट में पहुंचेगी टीम

राजीव कुमार ने कहा, ‘चुनाव में मतदाताओं की सुविधा और चुनावी प्रक्रिया को दखल मुफ्त रखने के लिए टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया जाएगा। सी विजिलेंस एप के जरिए कोई भी मतदाता शिकायत कर सकता है। 60 मिनट के भीतर हमारी टीम पहुंचेगी और 90 मिनट के अंदर उसका निबटारा करेंगे। इसी तरह दिव्यांग मतदाता भी एप का इस्तेमाल कर सकते हैं। केवाईसी एप के जरिए वोटर्स प्रत्याशियों की पूरी जानकारी ले सकेंगे। उनके खिलाफ यदि कोई आपराधिक केस है तो उसकी भी पूरी जानकारी होगी। इसके अलावा उम्मीदवारों को तीन बार इसे पब्लिश भी कराना होगा।

फेक न्यूज पर भी नजर

मुख्य चुनाव आयुक्त ने मीडिया को भी तथ्यों की परख के बाद पब्लिश करने की सलाह देते हुए कहा कि फेक न्यूज पर नजर रखी जाएगी।

2017 में भाजपा ने 44 सीटें जीती थीं, कांग्रेस को मिली थीं 21 सीटें

68 सीटों वाली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल आठ जनवरी, 2023 खत्म हो रहा है। इससे पहले राज्य में चुनाव होना है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 44 सीटों पर जीत हासिल की थी तो कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत मिली थी। 3 सीटें अन्य के खातें में रहीं।

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