गुवाहाटी, 3 अक्टूबर (पीटीआई)। इस साल नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू होगी। नौ दिनों के त्योहार में देवी दुर्गा के कई रूपों की पूजा की जाती है। इनमें दुर्गा पूजा और कुमारी पूजा भी शामिल हैं। असम के पवित्र कामाख्या मंदिर में त्योहार के लिए खास तैयारियां चल रही हैं।
कामाख्या मंदिर के अध्यक्ष कवीन्द्र प्रसाद शर्मा ने कहा कि, “दुर्गा पूजा की शुरुआत से नवमी तक हम देवी की प्रार्थना करते हैं। हम सप्तमी, अष्टमी और नवमी को भी दुर्गा पूजा मनाते हैं। दशमी के दिन, पूजा समाप्त होने के बाद, हम देवी की मूर्ति को ब्रह्मपुत्र नदी में विसर्जित करा जाता हैं।”
संत: श्री शगार महाराज ने कहा कि, “नवरात्रि का जो दिन है वो बहुत शुभ दिन होता है क्योंकि नवरात्रि एक होती है दुर्गा पूजा और एक होती है माता वैष्णों की नवरात्रि उस दिन माता को सजाया जाता है। इतना सुंदर लगता है महादेव को लेकर, गणपति को लेकर भी वैष्णो देवी सजाया जाता है। लेकिन, इस बार कामाख्या माता को सजाया जाएगा। एकदम नवरात्रि में जो देखने को मिलता है वो भी दिखेगा, हर इंसान कामाख्या माता को देखेगा कि नवरात्रि कैसे होती है।”
कामाख्या मंदिर में कृष्ण नवमी से शुरू होने वाली दुर्गा पूजा मनाई जाती है। ये त्योहार मंदिर के लिए खास होता है। पुजारी मोक्ष शर्मा ने कहा कि, “नवरात्रि में माता कामाख्या देवी की पूजा थोड़ी विशेष है। हम लोगों का नवरात्रि से नहीं कृष्णा नवमी से दुर्गा पूजा शुरू होती है, कृष्णा नवमी से शुक्ल दशमी तक ये 16 दिन की पूजा होती है हमारे यहां। कामाख्या की दुर्गा पूजा थोड़ी विशेष है।” कामाख्या देवी मंदिर 52 शक्तिपीठों में एक है और इसे तंत्र साधना का केंद्र माना जाता है।