गुवाहाटी, 24 मार्च। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि दिल्ली के उनके समकक्ष अरविंद केजरीवाल ने बार-बार समन का जवाब न देकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अपनी गिरफ्तारी के लिए आमंत्रित किया। यह राजनीतिक सहानुभूति हासिल करने का उनका एक हथकंडा हो सकता है।
हिमंत सरमा ने जोर देकर कहा कि जब कोई व्यक्ति ईडी के नौ समन को नजरअंदाज कर चुका हो तो इससे गिरफ्तारी के लिए जान बूझकर आमंत्रित किए जाने का संकेत मिलता है। यदि केजरीवाल शुरुआती समन का पालन कर लेते तो हो सकता था कि उनकी गिरफ्तारी टल जाती।
सरमा ने शनिवार को यहां भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) की राज्य इकाई के मुख्यालय में चुनाव तैयारियों संबंधी बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, “अगर ईडी किसी को नौ समन भेजती है और वह व्यक्ति उपस्थित नहीं होता है, तो यह स्पष्ट है कि वह अपनी गिरफ्तारी को आमंत्रित कर रहा है। ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार नहीं किया, उन्होंने एजेंसी को गिरफ्तारी के लिए आमंत्रित किया।”
भाजपा नेता सरमा ने समन जारी होने के बाद ईडी के सामने पेश हुए राहुल गांधी और सोनिया गांधी जैसे नेताओं का उदाहरण देते हुए कहा कि केजरीवाल ने यह नियम नहीं माना। उन्होंने केजरीवाल के समन का पालन नहीं करने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह जनता से सहानुभूति प्राप्त करने की एक रणनीति हो सकती है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल को ईडी की दंडात्मक काररवाई से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था, जिसके कुछ घंटे बाद शुक्रवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।