नई दिल्ली, 6 फरवरी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने सूचना के अधिकार (ईऊघ) के तहत मांगी गई एक जानकारी के जवाब में खुलासा किया है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने मस्जिद बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के मथुरा में विवादित कृष्ण जन्मभूमि परिसर में एक मंदिर को ध्वस्त कर दिया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ASI ने 1920 के राजपत्र के ऐतिहासिक रिकॉर्ड के आधार पर इस जानकारी का खुलासा किया। एएसआई ने नवम्बर, 1920 के गजट का एक अंश संलग्न किया और कहा, “कटरा टीले के हिस्से, जो नजूल किरायेदारों के कब्जे में नहीं हैं, पर पहले केशवदेव का मंदिर था, जिसे ध्वस्त कर दिया गया था और उस स्थान का उपयोग औरंगजेब की मस्जिद के लिए किया गया था।”
मैनपुरी के निवासी अजय प्रताप सिंह ने मांगी थी जानकारी
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के निवासी अजय प्रताप सिंह द्वारा उक्त RTI दायर की गई थी और जवाब एएसआई, आगरा सर्कल के अधीक्षण पुरातत्वविद् के कार्यालय से आया था। अजय प्रताप सिंह ने केशवदेव मंदिर के ‘विखंडन’ के बारे में जानकारी मांगी थी। आरटीआई जवाब में एएसआई ने “कृष्ण जन्मभूमि” शब्द का उल्लेख नहीं किया, लेकिन मुगल सम्राट द्वारा विवादित स्थल पर केशवदेव के पूर्व मंदिर के विध्वंस की पुष्टि की।
RTI जवाब में ASI ने “कृष्ण जन्मभूमि” शब्द का उल्लेख नहीं किया
गौरतलब है कि मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि से सटी शाही ईदगाह मस्जिद मामला लंबे समय से विवादित है। मस्जिद परिसर के बारे में हिन्दू पक्ष का दावा है कि वहां ऐसी निशानियां हैं, जिससे पता चलता है कि यह एक वक्त में मंदिर था। अदालत की निगरानी में शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दी थी, लेकिन बाद में मुस्लिम पक्ष की अपील पर उच्चतम न्यायालय ने जनवरी महीने में सर्वेक्षण की अनुमति पर रोक लगा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण पर लगा दी है रोक
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने 14 दिसम्बर, 2023 के हाई कोर्ट आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी, जिसमें वह मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण की निगरानी के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमत हो गया था।