Site icon Revoi.in

एशिया कप का आयोजन हाइब्रिड मॉडल पर ही होगा, भारत-पाकिस्तान की मुलाकात दाम्बुला में होगी

Social Share

नई दिल्ली, 12 जुलाई। पाकिस्तान की मेजबानी में प्रस्तावित एशिया कप क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन हाइब्रिड मॉडल पर ही होगा, जिसके तहत भारत और पाकिस्तान की मुलाकात श्रीलंका के दाम्बुला में होगी। मेजबान पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व पदाधिकारियों ने इसी मॉडल पर मंजूरी जताई थी।

आईपीएल चेयरमैन अरूण धूमल ने बुधवार को इस आशय पुष्टि की। धूमल इस समय आईसीसी मुख्य कार्यकारियों की बैठक के लिए डरबन में हैं। उन्होंने पुष्टि की कि गुरुवार को होने वाली आईसीसी बोर्ड की बैठक से पहले बीसीसीआई सचिव जय शाह और पीसीबी प्रमुख जका अशरफ की मुलाकात हुई ताकि एशिया कप का कार्यक्रम तय हो सके।

जय शाह व जका अशरफ की मीटिंग की 5 बड़ी बातें

उल्लेखनीय है कि इस माह की शुरुआत में पद संभालने वाले अशरफ ने नजम सेठी की अध्यक्षता वाले पीसीबी के पूर्व प्रशासन द्वारा हाइब्रिड मॉडल को मंजूरी दिए जाने पर नाराजगी जताई थी। पीसीबी 31 अगस्त से 17 सितम्बर तक होने वाले एशिया कप का मेजबान है, जो पाकिस्तान और श्रीलंका में खेला जाएगा।

धूमल ने डरबन से कहा, ‘हमारे सचिव ने पीसीबी प्रमुख जाका अशरफ से मुलाकात की और एशिया कप के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया। यह उसी के अनुरूप है, जिस पर पहले बात की गई थी। पाकिस्तान में लीग चरण के चार मैच होंगे, जिसके बाद नौ मैच श्रीलंका में होंगे, इसमें भारत और पाकिस्तान का मैच भी शामिल है। दोनों टीमें फाइनल खेलती हैं तो वह भी श्रीलंका में होगा।’

उन्होंने पाकिस्तान मीडिया में आ रही इन अटकलों को खारिज किया कि भारतीय टीम पाकिस्तान जाएगी। पाकिस्तान के खेल मंत्री अहसान मजारी के हवाले से ऐसी खबरें आ रही थीं। उन्होंने कहा, ‘इस तरह की कोई बात नहीं हुई। भारतीय टीम या हमारे सचिव पाकिस्तान नहीं जाएंगे। सिर्फ कार्यक्रम तय किया गया है।’

भारतीय टीम श्रीलंका के दाम्बुला में पाकिस्तान से खेल सकती है। पाकिस्तान का अपनी धरती पर एकमात्र घरेलू मैच नेपाल के खिलाफ होगा। उसके अलावा पाकिस्तान में अफगानिस्तान बनाम बांग्लादेश, बांग्लादेश बनाम श्रीलंका और श्रीलंका बनाम अफगानिस्तान मैच होंगे।

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शायद पाकिस्तानी खेलमंत्री को एशियाई क्रिकेट परिषद की पूर्व में हुई बैठक के बारे में पता नहीं है, जिसमें कार्यकारी समिति ने हाइब्रिड मॉडल को मंजूरी दी थी, जिसका सुझाव पूर्व पीसीबी अध्यक्ष सेठी ने दिया था। जहां तक विश्व कप का सवाल है तो पीसीबी को आईसीसी सदस्य प्रतिभागिता समझौता मानना होगा, जिस पर 2015 में आठ साल के लिए सभी पूर्ण सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे।