नई दिल्ली, 23 नवम्बर। केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘डीपफेक’ को लोकतंत्र के लिए नया खतरा करार देते हुए गुरुवार को कहा कि सरकार इससे निबटने के लिए जल्द ही नए नियम लाएगी।
‘डीपफेक’ के मुद्दे पर सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों से गुरुवार को हुई मुलाकात के दौरान अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कम्पनियां ‘डीपफेक’ का पता लगाने, इससे निबटने, इसकी सूचना देने के तंत्र को मजबूत करने और उपयोगकर्ताओं में जागरूकता बढ़ाने जैसी स्पष्ट काररवाइयां करने पर सहमत हुईं।
वैष्णव ने पत्रकारों से कहा, “हम आज ही विनियमन का मसौदा तैयार करना शुरू कर देंगे और कुछ ही समय में हमारे पास ‘डीपफेक’ से निबटने के लिए नए नियम होंगे…यह मौजूदा ढांचे में संशोधन या नए नियम या नया कानून लाने के रूप में हो सकता है।’’
मंत्री ने कहा कि ‘डीपफेक’ लोकतंत्र के लिए एक नया खतरा बनकर उभरा है। वैष्णव ने कहा, ‘‘हमारी अगली बैठक दिसम्बर के पहले सप्ताह में होगी…आज किए गए फैसलों पर उसमें आगे की चर्चा होगी। मसौदा विनियमन में क्या शामिल किया जाना चाहिए, इस पर भी चर्चा की जाएगी।’’
‘डीपफेक’ में कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल करते हुए किसी तस्वीर या वीडियो में मौजूद व्यक्ति की जगह किसी दूसरे को दिखा दिया जाता है। इसमें इतनी समानता होती है कि असली और नकली में अंतर करना काफी मुश्किल होता है। हाल ही में, बॉलीवुड के कई कलाकारों को निशाना बनाने वाले कई ‘डीपफेक’ वीडियो सोशल मीडिया मंच पर आए। इसपर कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की। इससे नकली सामग्री बनाने के लिए प्रौद्योगिकी तथा उपकरणों के दुरुपयोग को लेकर भी कई सवाल खड़े हो गए।