जयपुर, 27 सितम्बर। राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस के अंदरूनी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दोतरफा दांव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है और शीर्ष सूत्रों का तो यह भी कहना हा कि वह अब कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव की रेस से ही बाहर हो गए हैं। माना जा रहा है कि जिस तरह राजस्थान में गहलोत समर्थक विधायकों ने बगावत की, उससे सोनिया गांधी खुश नहीं हैं। गहलोत की छवि रातों-रात गांधी परिवार का करीबी होने से अब बगावत करने वाले नेता के रूप में बदल गई है।
मल्लिकार्जुन खड़गे या दिग्विजय सिंह को चुनाव में उतारे जाने पर विचार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बदली हुई परिस्थिति के बीच अब मल्लिकार्जुन खड़गे और दिग्विजय सिंह को अध्यक्ष पद के लिए उतारे जाने पर विचार किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बीच जिस तरह राजस्थान में घटनाक्रम हुआ, उससे कांग्रेस नेतृत्व नाराज है।
गौरतलब है कि गहलोत ने पहले मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने और पार्टी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर काम करने को लेकर सहमति जता दी थी। हालांकि बाद में गहलोत गुट के विधायक बगावत पर उतर आए। ऐसी खबरें हैं कि वे संभवत: गहलोत या उनके ही गुट के किसी नेता को सीएम पद की जिम्मेदारी सौंपना चाहते थे। वहीं गांधी परिवार सचिन पायलट के पक्ष में था।
सोनिया गांधी को आज सौंपी जाएगी रिपोर्ट
कांग्रेस की राजस्थान इकाई में चल रहे संकट के बीच बतौर पर्यवेक्षक जयपुर गए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन सोमवार को दिल्ली लौट आए थे और उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात भी की। मुलाकात के बाद माकन ने पत्रकारों को बताया कि सोनिया गांधी ने पूरे घटनाक्रम पर लिखित रिपोर्ट मांगी है, जिसे आज सौंपा जाएगा।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के नामांकन की आखिरी तारीख 30 सितम्बर तक यथास्थिति रहेगी, उसके बाद आगे की काररवाई की जाएगी। इसमें राजस्थान के कुछ विधायकों पर भी काररवाई संभव है।