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अशोक गहलोत नहीं लड़ेंगे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव, कहा – ‘मैंने सोनिया गांधी से मांग ली माफी’

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नई दिल्ली, 29 सितम्बर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद घोषणा कर दी कि वह पार्टी अध्यक्ष पत का चुनाव नहीं लड़ेंगे। समझा जाता है कि सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद गहलोत के तेवर एकदम नरम पड़ गए हैं।

लगभग दो घंटे तक चली मीटिंग के बाद निकले गहलोत ने कहा, ‘मैंने सोनिया जी से राजस्थान की घटना को लेकर माफी मांग ली है। कांग्रेस में मुझे बीते 50 वर्षों से सम्मान मिलता रहा है। हमेशा मुझ पर विश्वास करके जिम्मेदारी दी गई। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी से लेकर आज तक मुझ पर भरोसा रखा गया। कांग्रेस महासचिव से लेकर तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने तक का सफर हाईकमान के आशीर्वाद से ही रहा है। फिलहाल अब जो हालात बने हैं, उसमें मैं कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ूंगा।’

‘पूरे देश में मुझे लेकर गलत माहौल बनाया गया

अशोक गहलोत ने कहा, ‘रविवार को जो घटना हुई थी, उसने मुझे हिलाकर रख दिया है। इससे यह संदेश गया कि जैसे मुख्यमंत्री बना रहना चाहता हूं। इसे लेकर मैंने सोनिया गांधी जी से माफी मांगी है। हमारे यहां एक लाइन का प्रस्ताव पारित करने का तो प्रस्ताव रहा ही है। दुर्भाग्य की बात रही कि वह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। मैं उसे पारित नहीं करा पाया तो सीएम रहने के चलते मैं अपनी गलती मानता हूं। पूरे देश में मुझे लेकर गलत माहौल बनाया गया।’

उनके सीएम बने रहने को लेकर भी अब संशय

अशोक गहलोत के ही बयान से उनके सीएम बने रहने को लेकर भी संशय पैदा हो गया है। 10 जनपथ के बाहर मीडिया ने जब उनसे सीएम पद को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा कि इसका फैसला भी सोनिया गांधी को ही लेना है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अशोक गहलोत से सोनिया गांधी की नाराजगी बरकरार है। दिलचस्प यह है कि आज ही सचिन पायलट की भी सोनिया गांधी से मुलाकात होनी है। उसके बाद राजस्थान को लेकर कुछ अहम फैसला हो सकता है।

अध्यक्ष चुनाव की रेस में अब दिग्विजय और थरूर

इस बीच मौजूदा हालात में अब कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में दिग्विजय सिंह और शशि थरूर ही बचे दिख रहे हैं। यदि अंतिम वक्त में किसी और की एंट्री होती है तो यह अलग बात है। दिग्विजय सिंह और शशि थरूर दोनों ने ही शुक्रवार को नामांकन दाखिल करने की बात कही है। वहीं दिग्विजय सिंह और शशि थरूर ने मुलाकात भी की है। ऐसे में इस बात को लेकर भी कयास लग रहे हैं कि कहीं दिग्विजय के समर्थन में शशि थरूर अपना नाम ही न वापस ले लें।

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