नई दिल्ली, 21 सितम्बर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का स्पष्ट संकेत देते हुए बुधवार को कहा कि पार्टी के लोगों का जो फैसला होगा, उसे वह मानेंगे। राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे गहलोत ने यह भी कहा कि वह कोच्चि जाकर राहुल गांधी को इस बात के लिए मनाने का आखिरी प्रयास करेंगे कि वह पार्टी अध्यक्ष का पद संभालें और उनसे बातचीत करने के बाद ही तय करेंगे कि आगे क्या करना है।
‘मुझे कांग्रेस की सेवा करनी है, जहां जरूरत होगी, वहां तैयार रहूंगा‘
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के पहले गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे कांग्रेस की सेवा करनी है। 40-50 साल से पार्टी की सेवा कर रहा हैं। जहां भी मेरा उपयोग है, मैं वहां तैयार रहूंगा। अगर पार्टी के लोगों लगता है कि मेरी मुख्यमंत्री के रूप में जरूरत है, या अध्यक्ष के रूप में जरूरत है तो मैं मना नहीं कर पाऊंगा।’
‘अपनी गलतियों से नहीं वरन भाजपा के कारनामों के कारण कांग्रेस आज संकट में है‘
गहलोत ने कहा, ‘अगर मेरा बस चले तो मैं किसी भी पद पर नहीं रहूं। मैं राहुल गांधी के साथ सड़क पर उतरूं और फासीवादी लोगों के खिलाफ मोर्चा खोलूं। मुझे पार्टी ने सब कुछ दिया है। आज अगर पार्टी संकट में है तो इनके (भाजपा के) कारनामों के कारण है, हमारी गलतियों से नहीं है। आज जो स्थिति है, उसमें कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी है। कांग्रेस की मजबूती के लिए जहां जरूरत होगी, वहां मैं खड़ा रहूंगा।’
उन्होंने कहा, ‘मैं कोच्चि जाऊंगा और आखिरी बार राहुल गांधी को मनाने का प्रयास करूंगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में मैंने ही प्रस्ताव रखा था कि उन्हें अध्यक्ष बनना चाहिए। उन्हें मैं मनाने का प्रयास करूंगा, उसके बाद तय करूंगा कि मुझे क्या करना है।’ उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ करेंगे तो पार्टी के लिए एक अलग माहौल बनेगा।
‘यह समय बताएगा कि मैं मुख्यमंत्री रहूंगा या नहीं‘
यह पूछे जाने पर कि अध्यक्ष बन जाने की स्थिति में वह मुख्यमंत्री भी बने रहेंगे तो सीएम गहलोत ने एक मिसाल देते हुए कहा कि अगर किसी राज्य का मंत्री कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में खड़ा होता है तो वह मंत्री बना रह सकता है और चुनाव भी लड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘यह समय बताएगा कि मैं (मुख्यमंत्री) रहूंगा या नहीं। मैं वहां रहना चाहूंगा कि जहां मुझसे पार्टी को फायदा हो। मैं इसमें पीछे नहीं हटूंगा।’
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता शशि थरूर से मुकाबले की संभावना
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता शशि थरूर से अध्यक्ष पद के चुनाव में मुकाबले की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मुकाबला होना चाहिए ताकि लोगों को मालूम पड़े कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है। यह आंतरिक लोकतंत्र के लिए अच्छा है। क्या भाजपा में पता चलता है कि राजनाथ सिंह कैसे अध्यक्ष बन गए और जे.पी. नड्डा कैसे अध्यक्ष बन गए? शशि थरूर ने पहले ही संकेत दे दिया है कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने मंगलवार को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कहा था कि यदि वह पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए नामांकन भरेंगे तो विधायकों को दिल्ली पहुंचने का संदेश आएगा। विधायक दल की बैठक के बाद राजस्थान के एक कैबिनेट मंत्री ने यह जानकारी दी।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार अधिसूचना 22 सितम्बर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितम्बर तक चलेगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है। एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।