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कुनो नेशनल पार्क में प्रेग्नेंट हुई नामीबिया से आई ‘आशा’, देश में चीतों की संख्या बढ़ने की जगी उम्मीद

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भोपाल, 1 अक्टूबर। देश में चीतों के पुनर्वास कार्यक्रम के तहत पिछले माह करीब 70 वर्षों बाद विदेशी सरजमीं (नामीबिया)  से तीन नर व पांच मादा सहित कुल आठ चीतों को भारत लाकर मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कुनो नेशनल पार्क के सुरक्षित बाड़े में रखा गया है, ताकि वे भारतीय वातावरण के अभ्यस्त हो सके।

इसी बीच कुनो नेशनल पार्क से एक अच्छी खबर यह सामने आई है कि ‘आशा’ नाम की मादा चीता गर्भवती हो गई है। मादा चीता को यह नाम खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही दिया है। ‘आशा’ के गुड न्यूज देने की सूचना से वन अधिकारियों में उम्मीद जगी है कि जल्द चीतों की आबादी देश में बढ़ेगी।

‘आशा’ के गर्भवती होने के सभी संकेत नजर आ रहे, अक्टूबर के अंत तक होगी पुष्टि

कुनो में चीता प्रोजेक्ट की बारीकी से निगरानी कर रहे अधिकारियों का कहना है कि ‘आशा’ के गर्भवती होने के सभी संकेत नजर आ रहे हैं। उसके व्यवहारिक, शारीरिक और हार्मोनल बदलाव से प्रेग्नेंसी की पुष्टि हो रही। चीता प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, ‘अब तक के संकेत से हम उत्साहित हैं , लेकिन हमें यह सुनिश्चित करने के लिए अक्टूबर के आखिर तक इंतजार करना होगा।

चीता कंजर्वेशन फंड (सीसीएफ) के कार्यकारी निदेशक लॉरी मार्कर ने कहा, ‘अगर आशा गर्भवती है तो यह उसका पहला मौका है। माना जा रहा कि नामीबिया में ही ऐसा हुआ, उसे जंगल में देखा गया था। अगर उसके पास शावक हैं, तो हमें उसे प्राइवेसी और शांत माहौल देना होगा। उसके आस-पास कोई भी नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही उसके बाड़े में खाने-पीने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए।’

देश में चीतों की संख्या बढ़ने की जगी उम्मीद

डॉ. लॉरी मार्कर ने बताया कि आशा जंगल से होकर आई है, ऐसे में संभव है कि वह गर्भवती हो सकती है। अगर ऐसा है, तो यह चीता प्रोजेक्ट के लिए बेहद अहम और गंभीर हो जाता है। खास तौर से प्रबंधन में मदद करने के लिए जमीन पर प्रशिक्षित कर्मचारियों की तैनाती होनी चाहिए। ‘आशा’ चीते के तनाव को कम करने के लिए खाली जगह और शांत माहौल की जरूरत होगी। ताकि वह अपने शावकों के पालन-पोषण पर ध्यान केंद्रित कर सके।