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असदुद्दीन ओवैसी बोले – पीएम मोदी का भाषण उनके पिछले 9 वर्षों में दिए गए सभी भाषणों में से बोरिंग था

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नई दिल्ली, 10 अगस्त। संसद के मॉनसून सत्र में हिंसाग्रस्त मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी दलों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव उम्मीदों के अनुरूप औंधे मुंह गिर गया। हालांकि तीन दिनों तक चली चर्चा के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब के बाद प्रस्ताव पर जब वोटिंग की बारी आई तो विपक्ष सदन में मौजूद ही नहीं था। नतीजा यह हुआ कि अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया। हालांकि पीएम मोदी ने सदन में लगभग सवा दो घंटे का जोरदार भाषण दिया और लगभग हर मुद्दे पर बोले। लेकिन उनके जवाब से विपक्षी सांसद पूरी तरह असंतुष्ट दिखे।

AIMIM सांसद असदुद्दीन औवेसी ने कहा, ‘BRS और हमारी पार्टी ने भी अविश्वास प्रस्ताव दिया था, जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया। पीएम मोदी का आज का भाषण उनके पिछले नौ वर्षों में दिए गए सभी भाषणों में से बोरिंग था। हमने सोचा था कि वह उन लोगों की निंदा करेंगे, जो मणिपुर में हिंसा कर रहे हैं। हमने सोचा कि वह हरियाणा सरकार के विध्वंस अभियान की निंदा करेंगे… लेकिन वहां कुछ नहीं हो रहा है। वहां मुगल-ए-आजम चल रही है।’

डेढ़ घंटे में उनका 90 फीसदी भाषण I.N.D.I.A पर था – सुप्रिया सुले

NCP नेता सुप्रिया सुले की प्रतिक्रिया थी, ‘हमें उम्मीद थी कि वह (पीएम मोदी) अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर, मणिपुर की महिलाओं पर क्रूरता के मुद्दे पर बोलेंगे। लेकिन डेढ़ घंटे में उनका 90 फीसदी भाषण I.N.D.I.A पर था।’

गौरव गोगोई ने कहा – मणिपुर को लेकर वह अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, ‘यह अविश्वास प्रस्ताव I.N.D.I.A के सदस्य के रूप में मेरे द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था। गठबंधन…इतने दिनों की जद्दोजहद के बाद, इतनी मुश्किलों के बाद आखिरकार आज देश प्रधानमंत्री मोदी को संसद में बोलते हुए देख रहा है…प्रधानमंत्री मोदी अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं…पीएम मोदी मणिपुर का दौरा न करने पर इतने अड़े क्यों हैं?…मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों नहीं निकाला गया?…इतने दिनों तक मणिपुर पर चुप्पी क्यों साधे रखी गई?…शांति की अपील क्यों नहीं की गई? पिछले 2 घंटे से चर्चा चल रही है लेकिन मणिपुर को न्याय मिलता नहीं दिख रहा है।’

प्रधानमंत्री मोदी से ये उम्मीद नहीं थी – मनोज झा

राजद सांसद मनोज झा ने कहा, ‘हमने सोचा था कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर पर बोलेंगे…लेकिन हमने क्या देखा? कमेंट, चुटकुले और वॉट्सएप बातें…प्रधानमंत्री मोदी से ये उम्मीद नहीं थी।’

समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने कहा, ‘अविश्वास प्रस्ताव के पीछे का कारण मणिपुर था, जहां कई महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ, बच्चों की हत्या हुई और कई अन्य घटनाएं हुईं, लेकिन पीएम ने मणिपुर के बारे में कुछ नहीं कहा और मणिपुर के लोगों के साथ खड़े नहीं हुए और इसीलिए विपक्ष ने वॉकआउट किया।’

ललन सिंह बोले – वह नए गठबंधन को लेकर अपनी घबराहट जाहिर कर रहे थे

जदयू सांसद राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो भी बोल रहे थे, वह उनकी हताशा और घबराहट का प्रतीक था। वह नए गठबंधन से अपनी घबराहट जाहिर कर रहे थे। उन्होंने भारत के उस प्रमुख मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं कहा, जो मणिपुर तीन मई से जल रहा है। हम एक घंटे 45 मिनट तक सुनते रहे, लेकिन उन्होंने इस बारे में एक शब्द भी नहीं कहा। वह नए गठबंधन के बारे में बात करते रहे।’

शिरोमणि अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा, ‘मुझे बाहर निकलना पड़ा। सबका साथ की बात करने का कोई मतलब नहीं है, ये बात सबको समझनी चाहिए… मणिपुर की महिलाओं को क्या संदेश दिया? अगर वे उनके साथ हैं तो उन्हें न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाये गए हैं?’