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असदुद्दीन ओवैसी बोले – ‘समान नागरिक संहिता लागू हुआ तो हिन्दू समुदाय सबसे ज्यादा प्रभावित होगा’

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नई दिल्ली, 12 जुलाई। देश में प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर जारी बहस के बीच कइयों का मानना है कि इससे सर्वाधिक प्रभावित मुसलमान होंगे। लेकिन इसके सबसे बड़े विरोधियों में एक आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का मानना है कि यूसीसी लागू हुआ तो सबसे ज्यादा प्रभावित हिन्दू समुदाय होगा।

हिन्दू भाई-बहनों को मिलने वाला कर में छूट का लाभ भी चला जाएगा

एआईएमआईएम नेता ने महाराष्ट्र के नांदे़ड़ में समान नागरिक संहिता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री कहते हैं कि एक घर में दो कानून कैसे रहेंगे? यह गलत है। सीआरपीसी उत्तरपूर्व के राज्यों में अब तक लागू नहीं है। हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली के तहत दूसरे समुदाय के लोगों को कर में छूट क्यों नहीं मिलता है? समान नागरिक संहिता आने से सबसे अधिक हमारे हिन्दू भाई-बहन परेशान होंगे। हिन्दू मैरिज एक्ट, हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम सब चला जाएगा। हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली के तहत हिन्दू भाई-बहनों को मिलने वाला कर में छूट का लाभ भी चला जाएगा।’

हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 का हवाला देते हुए घेरा

असदुद्दीन ओवैसी ने हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 का हवाला देते हुए कहा, ‘इस एक्ट में हिन्दू भाई-बहनों के लिए कहा गया है कि पिता की सात पीढ़ियों और मां की पांच पीढ़ियों तक शादी नहीं हो सकती है, लेकिन इसका अपवाद दे दिया गया है। अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड आया तो एक अपवाद खत्म हो जाएगा।’

भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा, ‘अगर आरएसएस ये सोच रही है कि इससे सिर्फ मुल्ला जी लोगों को निशाना बनाएंगे तो आप हमारे नाम पर किसी और का नुकसान कर रहे हैं।’

यूसीसी मुसलमानों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा – रामदास अठावले

गौरतलब है कि UCC को लेकर सिर्फ ओवैसी ही नहीं बल्कि अन्य नेता भी लगातार बयान दे रहे हैं। अहमदाबाद में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बुधवार को कहा कि यूसीसी मुसलमानों या आदिवासी समुदाय के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि डॉ. भीम राव आंबेडकर यूसीसी के समर्थन में थे और धार्मिक सद्भाव के लिए इसकी आवश्यकता है।

रामदास अठावले ने कहा, ‘मैं मुसलमानों से यह कहना चाहता हूं कि यूसीसी आपके खिलाफ नहीं है। इसपर राजनीति करने के बजाय सभी दलों को इसका समर्थन करना चाहिए। यह कानून आदिवासियों, दलितों, हिन्दुओं या मुसलमानों के खिलाफ नहीं है।’