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अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बरकरार : कोर्ट ने 14 दिनों के लिए CBI की न्यायिक हिरासत में भेजा

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नई दिल्ली, 29 जून। दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस क्रम में शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों के लिए CBI की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

दरअसल, सीबीआई ने कोर्ट से आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजने की अपील की थी। केंद्रीय एजेंसी ने अपने आवेदन में कहा था कि केजरीवाल पूछताछ के दौरान जान बूझकर टालमटोल कर रहे थे, लेकिन वर्तमान स्थिति में हिरासत में लेकर आगे पूछताछ की आवश्यकता नहीं है।

12 जुलाई तक सीबीआई की न्यायिक हिरासत में

सीबीआई ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजा जाए क्योंकि वह एक प्रमुख राजनेता हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के साथ बहुत प्रभावशाली हैं। एजेंसी का यह भी कहना था कि यदि उन्हें न्यायिक हिरसत में नहीं भेजा गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और पूछताछ के दौरान उनके सामने आए सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। कोर्ट ने सीबीआई की अपील को स्वीकार करते हुए 12 जुलाई तक केजरीवाल को सीबीआई की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

गौरतलब है कि सीबीआई ने इसी हफ्ते की शुरुआत में केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें तीन दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था। आज हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। फैसला सुनाने से पहले कोर्ट ने केजरीवाल को उनके परिवार से मिलने के लिए 10 मिनट का समय भी दिया था।

सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील विक्रम चौधरी ने अदालत पांच मिनट तक दलीलें पेश करने का अनुरोध किया। अदालत ने कहा के आप एक या दो दिन बाद संबंधित अदालत में जमानत के लिए आवेदन दायर कर सकते हैं। आप न्यायिक हिरासत का विरोध नहीं कर सकते। हालांकि अदालत ने बचाव पक्ष को पांच मिनट सुनने पर सहमति दी।

कोर्ट ने कहा – न्यायिक हिरासत के अलावा कोई विकल्प नहीं

केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा, ‘केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि केस डायरी में जो कुछ भी है, वह अदालत के पास होना चाहिए।

अदालत ने कहा कि हालांकि यह देखना अदालत का दायित्व है कि जांच अधिकारी ने मामले की जांच के दौरान क्या कदम उठाए है, यह अदालत और जांच अधिकारी के बीच का मामला है। सभी के सामने जांच का खुलासा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है, अदालत रिमांड की आवश्यकता पर खुद को संतुष्ट करेगी।

जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं केजरीवाल

कोर्ट ने कहा कि पुलिस रिमांड पूरा होने के बाद अदालत के पास न्यायिक हिरासत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। लेकिन आरोपित जमानत के लिए आवेदन कर सकता है। अदालत ने कहा कि न्यायाधीश के पास न्यायिक हिरसत के जांच अधिकारी के आवेदन को खारिज करने का कोई प्रावधान नहीं है।

बचाव पक्ष ने दो आग्रह अदालत से किए। पहला सीबीआई की केस डायरी समेत सभी सामग्री तुरंत रिकार्ड पर ली जाएं। दूसरी जमानत याचिका दाखिल करने की अनुमति दी जाए। अदालत ने कहा कि वह इस पर विचार करेंगी। वहीं सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने केजरीवाल के वकील की दलीलों का विरोध किया। जज ने कहा, ‘मैं चाहूंगी कि जांच अधिकारी कृपया केस डायरी के प्रासंगिक पन्नों को चिह्नित करें क्योंकि वे विचारणीय नहीं हैं।’

कोर्ट में केजरीवाल को परिवार से मिलने की अनुमति दी

उधर केजरीवाल के वकील ने कोर्ट से पूछा कि क्या केजरीवाल का परिवार कोर्ट में मौजूद रहने के दौरान उनसे 10 मिनट के लिए मिल सकता है? न्यायाधीश ने परिवार के सदस्यों को अदालत में केजरीवाल से मिलने की अनुमति दे दी और अन्य लोगों को कुछ समय के लिए वहां से चले जाने को कहा।