नई दिल्ली, 2 मई। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते अरुण गांधी की आज मंगलवार को 89 साल की उम्र में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में लंबी बीमारा के बाद निधन हो गया। उनके बेटे तुषार गांधी ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर 2 बजे के बाद कोल्हापुर में किया जाएगा। अरुण गांधी का जन्म 14 अप्रैल 1934 को डरबन में मणिलाल गांधी और सुशीला मशरूवाला के घर हुआ था। वह अपने दादा राष्ट्रपिता के ही नक्शे कदम पर चलते हुए उन्होंने लेखक और एक्टिविस्ट के रूप में महाराष्ट्र के लोगों की सेवा की।
- कौन हैं अरुण मणिलाल गांधी?
अरुण मणिलाल गांधी का महात्मा गांधी के दूसरे बेटे मणिलाल गांधी के बेटे हैं। उनका जन्म 14 अप्रैल 1934 को दक्षिण अफ्रीका के डरबन में हुआ था। उनके पिता यहां छपने वाले अखबार इंडियन ओपिनियन के संपादक रहे, जबकि मां इसी अखबार में पब्लिशर रहीं। अरुण गांधी ने बाद में अपने दादा की राह को चुनते हुए सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर कार्यकर्ता के तौर पर काम किया।
अरुण गांधी ने कुछ किताबें भी लिखी हैं। इनमें द गिफ्ट ऑफ एंगर: एंड अदर लेसन्स फ्रॉम माई ग्रैंडफादर महात्मा गांधी प्रमुख हैं। अरुण गांधी 1987 में अपने परिवार के साथ अमेरिका में बस गए थे। यहां उन्होंने अपने जीवन के कई साल टेनेसी राज्य के मेम्फिस में गुजारे। यहां उन्होंने क्रिश्चियन ब्रदर्स यूनिवर्सिटी में अहिंसा से जुड़े एक संस्थान की भी स्थापना की थी।