नई दिल्ली, 1 जुलाई। थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा है कि ड्रोन की आसान उपलब्धता ने सुरक्षा चुनौतियों की जटिलताओं को बढ़ा दिया है। हालांकि भारतीय सेना ऐसे खतरों से प्रभावी तरीके से निबटने के लिए क्षमता विकसित कर रही है।
जनरल नरवणे ने एक थिंक टैंक को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम उस खतरे से निबटने के लिए क्षमताएं विकसित कर रहे हैं, चाहे ये खतरे देश प्रायोजित हों या खुद देशों ने पैदा किए हो। हम ड्रोन के खतरों से निबटने की तैयारी कर रहे हैं। सुरक्षा प्रतिष्ठान ऐसी चुनौतियों से पूरी तरह अवगत हैं और इनसे निबटने के लिए कुछ कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं।’
61 वर्षीय नरवणे ने ये बातें ऐसे समय पर कही हैं, जब पिछले दिनों जम्मू में हवाई अड्डे के पास आतंकियों ने वायुसेना स्टेशन में ड्रोन से हमला किया गया। इसके अलावा पिछले एक हफ्ते के दौरान जम्मू और सांबा के कुछ सैन्य ठिकानों के आसपास भी ड्रोन देखे जा चुके हैं।
- सीजफायर के बाद नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ बंद
सेना प्रमुख नरवणे ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौता होने के बाद नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कोई घुसपैठ नहीं हुई है। घुसपैठ न होने से कश्मीर में आतंकवादियों की संख्या कम है।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे तत्व हमेशा रहेंगे, जो शांति और विकास की प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा, ‘हमारा जम्मू-कश्मीर में आतंकवादरोधी और घुसपैठरोधी मजबूत तंत्र है और घाटी में शांति, सामंजस्य सुनिश्चित करने का हमारा अभियान जारी रहेगा।’