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बलूचिस्तान में चीनी इंजीनियरों के काफिले पर सशस्त्र विद्रोहियों का हमला, 4 चीनी नागरिक, 9 पाक सैनिक मारे गए

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बलूचिस्तान, 13 अगस्त। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में रविवार को चीनी इंजीनियरों के एक काफिले पर सशस्त्र विद्रोहियों ने हमला कर दिया। द बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार अलगाववादी संगठन बलूच लिब्रेशन आर्मी (बीएलए) ने दावा किया है कि दो घंटे से ज्यादा चली इस मुठभेड़ में चार चीनी नागरिक और नौ पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं। काउंटर अटैक में दो फिदायीन हमलावर भी ढेर हो चुके हैं।

2 घंटे तक भीषण गोलीबारी में 2 फिदायीन हमलावर भी ढेर

यह आतंकी हमला पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित ग्वादर के फकीर कॉलोनी के पास हुआ। सरकारी अधिकारियों ने भी ग्वादर में चीनी इंजीनियरों पर हमले की पुष्टि की है। बलूचिस्तान पोस्ट ने एक मीडिया विज्ञप्ति का हवाला देते हुए बताया कि चीनी इंजीनियरों के काफिले पर हमला पूर्वाह्न करीब 9.30 बजे हुआ और लगभग दो घंटे तक भीषण गोलीबारी जारी रही।

बलूच लिब्रेशन आर्मी ने ली हमले की जिम्मेदारी

बलूच लिब्रेशन आर्मी (बीएलए) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अधिकारियों ने शहर को हाई अलर्ट पर रखा है और कथित तौर पर प्रवेश और निकास पर प्रतिबंध लगा दिया है।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष मई में कराची विश्वविद्यालय में चीन निर्मित कन्फ्यूशियस संस्थान के कर्मचारियों को ले जा रही एक मिनीबस पर एक बुर्का पहने बलूच महिला आत्मघाती हमलावर ने हमले में तीन चीनी नागरिकों (शिक्षकों) सहित चार लोगों की हत्या कर दी थी। तब भी बीएलए ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। वह पिछले वर्ष पाकिस्तान में काम कर रहे सहयोगी चीन के नागरिकों के खिलाफ पहला बड़ा हमला था।

बलूच अलगाववादी लगातार कर रहे हैं हमले

जुलाई 2021 में, उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में इंजीनियरों को ले जा रही एक बस पर बमबारी की गई, जिसमें नौ चीनी श्रमिकों सहित तेरह लोगों की मौत हो गई थी। दबाव में आकर पाकिस्तान ने मारे गए चीनी श्रमिकों के परिवारों को लाखों का मुआवजा दिया। चीन ने हमले की जांच के लिए अपनी टीम भी भेजी थी।

अप्रैल 2021 में, क्वेटा में चीनी राजदूत की मेजबानी कर रहे एक लक्जरी होटल में आत्मघाती बम हमले में चार लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। राजदूत को कोई चोट नहीं आई। इससे पहले 2020 में बलूच अलगाववादियों ने पाकिस्तान के स्टॉक एक्सचेंज पर हमला किया था, जहां चीनियों का बड़ा निवेश है। इसके बाद 2018 में कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ।