नई दिल्ली, 16 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मंगलवार को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में पीएम विश्वकर्मा योजना की घोषणा की थी। इसके अगले ही दिन बुधवार को केंद्र सरकार ने इस योजना को मंजूरी दे दी। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में कुछ अन्य योजनाओं के साथ विश्वकर्मा योजना पर भी मुहर लगा दी गई। विश्वकर्मा योजना को 2024 के आम चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के जरिए सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
परंपरागत पेशों में जुड़े लोगों को एक लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्कीम को मंजूर किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत परंपरागत पेशों में जुड़े लोगों को मदद दी जाएगी। इसके तहत कुम्हार, लुहार, बढ़ई, सुनार, खिलौने तैयार करने वाले, मूर्तिकार, जैसे पेशों में जुड़े लोगों को लोन दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi ने कल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 'पीएम विश्वकर्मा योजना' शुरू करने की बात की थी और आज उनके नेतृत्व में पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को समर्थन देने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी गई। ये योजना 30 लाख परिवारों को सहायता प्रदान करेगी।… pic.twitter.com/zymh1aEln8
— BJP (@BJP4India) August 16, 2023
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसके तहत लाभार्थियों को एक लाख रुपये का लोन दिया जाएगा। इस स्कीम के तहत लोगों को स्किल भी दी जाएगी। वहीं आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए 15 हजार रुपये की मदद दी जाएगी।
एक लाख रुपये का लोन नियमित तौर पर चुकाने के बाद दो लाख का लोन संभव
यही नहीं परंपरागत कामों में लगे लोगों को एक लाख रुपये तक के लोन दिए जाएंगे। इससे वे अपने काम को आगे बढ़ा सकेंगे और इसका लोन अधिकतम पांच फीसदी ही रहेगा। उन्होंने कहा कि इस लोन के तहत बेहद आसान शर्तें होंगी। पहली बार में यदि कोई एक लाख रुपये के लोन को नियमित तौर पर चुकाता है तो फिर आगे चलकर वह दो लाख रुपये का भी लोन ले सकेगा।
इस स्कीम के तहत प्रशिक्षण लेने वालों को प्रतिदिन 500 रुपये का स्टाइपेंड भी दिया जाएगा। इस स्कीम को स्किल इंडिया का ही विस्तार माना जा रहा है। इसके तहत सरकार परंपरागत पेशों के साथ तकनीक को जोड़ना चाहती है ताकि बड़ी संख्या में स्वरोजगार पैदा किए जा सकें।