लखनऊ, 8 फरवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बयान से खफा यूपी भाजपा समेत पार्टी के अन्य नेताओं ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से कहा है कि यदि वह जनभावना का तनिक भी सम्मान करते है तो बगैर देर करे अपने बयान के लिये माफी मांगे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि राहुल गांधी का बयान उनकी राजनैतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है।
वास्तव में कांग्रेस नेता को उत्तर प्रदेश में हो रहे विकास कार्यो और कानून व्यवस्था की चाकचौबंद हालत के बारे में जरा भी पता नहीं है। गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर राहुल गांधी की टिप्पणी ओछी और निंदनीय है। यह साबित करता है कि उन्हें न इतिहास पता और न ही वर्तमान ज्ञान है। राहुल गांधी को समझना चाहिए कि धर्म में कोई नेतागिरी नहीं होती।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के लिए किसी सम्प्रदाय, जाति, वर्ग का भेद नहीं है। राहुल गांधी को गोरक्षपीठ का इतिहास और वर्तमान भी जान लेना चाहिए। साधु संतों की कोई जाति नहीं होती। गोरक्षपीठ के प्रधान पुजारी उस दलित समाज से हैं, जिन्हें राहुल सिर्फ वोट बैंक समझते हैं। यूपी सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और विकास के एजेंडे पर लगातार बिना भेदभाव काम कर रही है। विपक्ष माहौल खराब करने में लगा है।
उन्होंने कहा कि गोरखनाथ मंदिर में बड़ी संख्या उन संतों, योगियों और पुजारियों की है, जो दलित व पिछड़ी जातियों से आते हैं। मंदिर के मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी संभालने वाले भी दलित समुदाय से आते हैं। गोरखनाथ मंदिर में निर्माण और सम्पत्ति की देखरेख करने वाले दो मुस्लिम हैं। किसी को मंदिर से निराश नहीं लौटना पड़ा। भंडारे में भोजन बनाने वाले भी हर जाति से हैं।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राहुल गांधी की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए बयान वापस लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, वह निंदनीय है। प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि आसमान पर थूकने वालों को नही पता कि थूक पलटकर उन्हीं पर गिरेगा।
जब 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान शुरू किया था, तब भी राहुल गांधी ने विरोध किया था,जनता ने उसका जवाब दे दिया था। आज राहुल गांधी फिर से उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रदेश के प्रति ऐसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं,जनता जनार्दन सब देखती, सुनती व समझती है।