नई दिल्ली, 24 जून। कोरोना महामारी के खिलाफ भारत को एक और सफलता मिली है और हथियार के रूप में उपलब्ध वैक्सीन के साथ एक नई वैक्सीन भी शामिल हो गई है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कोविड के लिए ओमिक्रॉन-विशिष्ट एमआरएनए-आधारित बूस्टर वैक्सीन लॉन्च की।
साइंस एंव टेक्नोलॉजी मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि जेमकोवैक-ओएम भारत की पहला mRNA वैक्सीन है, जिसे जेनोवा द्वारा स्वदेशी प्लेटफॉर्म तकनीक का उपयोग करके विकसित किया गया है, जिसमें जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) की फंडिंग सहायता है।
मिशन कोविड सुरक्षा के समर्थन से विकसित पांचवां टीका
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले इस वैक्सीन को ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के कार्यालय से आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (EUA) के लिए मंजूरी मिल गई थी। जेमकोवैक-ओएम कोविड- 19 टीकों के त्वरित विकास के लिए सरकार के आत्मनिर्भर भारत 3.0 पैकेज के तहत DBT और BIRAC द्वारा कार्यान्वित मिशन कोविड सुरक्षा के समर्थन से विकसित पांचवां टीका है।
केंद्रीय मंत्री @DrJitendraSingh ने ओमिक्रॉन-विशिष्ट एमआरएनए-आधारित बूस्टर वैक्सीन जेमकोवैक-ओएम® लॉन्च की
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— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) June 24, 2023
इस वैक्सीन को सुई के इंजेक्शन के बिना भी लगाया जा सकता है
जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस भविष्य के लिए तैयार प्रौद्योगिकी मंच का उपयोग अपेक्षाकृत कम समय में अन्य टीके बनाने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘यह नवाचार हमारे देश में अंतिम मील तक तैनाती को आसान बनाता है। मौजूदा आपूर्ति श्रृंखला बुनियादी ढांचा इस वैक्सीन को तैनात करने के लिए पर्याप्त है। इसकी अनूठी विशेषता यह है कि इस वैक्सीन को सुई के इंजेक्शन के बिना भी लगाया जा सकता है।’
गौरतलब है कि जेमकोवैक-ओएम एक थर्मोस्टेबल वैक्सीन है और इसे अन्य अनुमोदित एमआरएनए-आधारित टीकों के लिए उपयोग किए जाने वाले अल्ट्रा-कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता नहीं होती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुई-मुक्त इंजेक्शन डिवाइस प्रणाली का उपयोग करके टीका इंट्रा-डर्मली दिया जाता है और अध्ययन प्रतिभागियों में इसने काफी अधिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न की है।