लखनऊ, 22 मार्च। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद अब नौ अप्रैल से विधान परिषद की 36 सीट का चुनाव होना है। इसी बीच में विधान परिषद की एक और सीट खाली हो गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह को अपना इस्तीफा दे दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया है। योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर शहर से विधायक चुने के बाद विधान परिषद के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल छह जुलाई 2022 तक ही था।
उत्तर प्रदेश में पहली बार विधानसभा के सदस्य बनने वाले योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है। गोरखपुर शहर से विधायक चुने जाने के बाद योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद सभापति को अपना इस्तीफा सौंप दिया। जिसको सभापति ने स्वीकार कर लिया है। योगी आदित्यनाथ एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की गद्दी संभालेंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश के पर्यवेक्षक अमित शाह तथा सह पर्यवेक्षक रघुवर दास की मौजूदगी में 24 मार्च को योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश भाजपा विधायक दल का नेता चुना जाएगा।
योगी आदित्यनाथ पहली बार 1998 में गोरखपुर से भाजपा के लोकसभा के सदस्य चुने गए। इसके एक वर्ष बार फिर 13वीं लोकसभा का चुनाव हुआ और योगी आदित्यनाथ का दूसरा कार्यकाल 1999 से 2004 तक रहा। वह वर्ष 2004 में तीसरी बार लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इसके बाद चौथी बार वह 2009 से 2014 तक सांसद रहे।
15वीं के बाद 16वीं लोकसभा का चुनाव वर्ष 2014 में हुआ। जिसमें भी योगी आदित्यनाथ ने जीत दर्ज की और मार्च 2017 तक गोरखपुर से सांसद रहे। इसके बाद 19 मार्च 2017 को उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने 21 सितंबर 2017 को लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया। वह विधान परिषद के सदस्य चुने गए और उनका कार्यकाल 22 जुलाई 2022 तक का है।