नई दिल्ली, 28 जून। लगभग डेढ़ वर्ष से कोविड-19 महामारी के चलते बुरी तरह लड़खड़ाई भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रयासरत केंद्र सरकार ने एक और राहत पैकेज की घोषणा की है। इसके अंतर्गत कोविड प्रभावित क्षेत्र के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये का एलान किया गया है जबकि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की राहत राशि दी गई है।
वित्त मंत्री निर्मला ने की 8 आर्थिक राहत उपायों की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस राहत पैकेज की घोषणा करते हुए कहा, ‘हम लगभग आठ आर्थिक राहत उपायों की घोषणा कर रहे हैं। इनमें से चार बिल्कुल नए हैं और एक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए विशिष्ट है। कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी योजना लागू की जा रही है जबकि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं।’
नई क्रेडिट गारंटी योजना से 25 लाख लोग लाभान्वित होंगे
वित्त मंत्री ने कहा कि नई क्रेडिट गारंटी योजना एक नई योजना है। इसके तहत 25 लाख लोग लाभान्वित होंगे। सूक्ष्म वित्त संस्थाओं द्वारा छोटे से छोटे उधारकर्ताओं को दिया जाने वाला ऋण इसमें शामिल है। इसके अंतर्गत अधिकतम 1.25 लाख रुपये उधार दिए जाने हैं। इसके साथ ही पुराने कर्जों के पुनर्भुगतान पर नहीं बल्कि नए कर्ज देने पर फोकस किया जाएगा।
छोटे से छोटे कर्जदारों तक पहुंचेगी क्रेडिट गारंटी योजना
निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रेडिट गारंटी योजना के तहत ब्याज दर तीन वर्ष की ऋण अवधि के साथ आरबीआई द्वारा निर्धारित दर से दो फीसदी कम है। इसमें कवर किए जाने वाले एनपीए को छोड़कर नए ऋण, तनावग्रस्त उधारकर्ताओं पर ध्यान दिया जाएगा। नई क्रेडिट गारंटी योजना छोटे शहरों सहित भीतरी इलाकों के छोटे से छोटे कर्जदारों तक भी पहुंचेगी।
पहले 5 लाख पर्यटकों को नहीं देना होगा वीजा शुल्क
निर्मला ने कहा कि एक बार अंतरराष्ट्रीय यात्रा फिर से शुरू होने के बाद, भारत भ्रमण पर आने वाले पहले पांच लाख पर्यटकों को वीजा शुल्क नहीं देना होगा। यह योजना 31 मार्च, 2022 तक लागू है। लेकिन यदि उससे पहले पांच लाख वीजा वितरित कर दिए गए तो यह योजना बंद कर दी जाएगी। एक पर्यटक केवल एक बार इस योजना का लाभ उठा सकता है।
31 मार्च, 2022 तक बढ़ी आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना
सीतारमण ने बताया कि आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना को 30 जून, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया गया है। इस योजना के तहत एक हजार कर्मचारियों की क्षमता वाली कम्पनियों में पीएफ का नियोक्ता और कर्मचारी, दोनों का हिस्सा केंद्र सरकार भरेगी। एक हजार से अधिक कर्मचारियों वाली कम्पनियों में पीएफ के लिए कर्मचारी का हिस्सा 12% सरकार वहन करेगी।
वित्त मंत्री ने बताया एक अन्य राहत पैकेज के तहत चालू वित्तीय वर्ष में मौजूदा एनबीएस सब्सिडी बढ़ाकर 42,275 करोड़ कर दी गई है। उन्होंने 14,755 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि की घोषणा की।
उन्होंने बताया कि वित्तीय सहायता 11,000 से अधिक पर्यटक गाइड, यात्रा, पर्यटन को कवर करेगी। 100 प्रतिशत गारंटी के तहत, कुछ सीमाओं के तहत ऋण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने अन्य क्षेत्रों के लिए 60,000 करोड़ रुपये की घोषणा की, जिसके लिए ब्याज दर 8.25 प्रति वर्ष है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष कोरोना महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज का एलान किया था। सरकार का यह राहत पैकेज कुल 27.1 लाख करोड़ रुपये का था, जो कुल जीडीपी का 13 फीसदी से भी ज्यादा था।