इस्लामाबाद, 19 अगस्त। राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के दूसरे प्रमुख नेता और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी को शनिवार की शाम गिरफ्तार कर लिया गया।
पीटीआई के वाइस चेयरमैन 67 वर्षीय कुरेशी की गिरफ्तारी के बाद उन्हें संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के कार्यालय ले जाया गया। इस काररवाई के कुछ घंटों बाद पीटीआई ने कहा कि वह देश के चुनाव में किसी भी देरी को अदालतों में चुनौती देगी।
पीटीआई के प्रवक्ता जुल्फी बुखारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि दो बार पाकिस्तान के विदेश मंत्री रहे कुरेशी की गिरफ्तारी का विशेष कारण तुरंत स्पष्ट नहीं है। कार्यवाहक सूचना मंत्री ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।
बुखारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शाह महमूद कुरेशी की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने और पाकिस्तान में वर्तमान में चल रहे सभी अत्याचार व चुनाव पूर्व धांधली के खिलाफ पीटीआई के रुख की पुष्टि करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।
पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी ठहराए जाने के बाद वर्तमान में तीन साल की जेल की सजा काट रहे हैं और उन्हें पांच साल तक कोई भी चुनाव लड़ने से भी रोक दिया गया है। वह किसी भी गलत काम से इनकार करते हैं। खान ने आखिरी चुनाव 2018 में जीता था और 2022 में अविश्वास मत में बाहर होने तक प्रधानमंत्री बने रहे।
संसद भंग होने के बाद देश में चुनाव को लेकर बनी हुई है अनिश्चितता
पाकिस्तान में चुनाव पिछले सप्ताह संसद भंग होने के 90 दिनों के भीतर नवम्बर तक होना है, लेकिन तारीख को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है क्योंकि देश संवैधानिक, राजनीतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहा है। निवर्तमान सरकार ने अपने अंतिम दिनों में एक नई जनगणना को मंजूरी दी, जिसका अर्थ है कि चुनाव आयोग द्वारा नई चुनावी सीमाएं तैयार की जानी चाहिए।
आयोग के एक पूर्व अधिकारी के अनुसार, 24.10 करोड़ लोगों के देश में सैकड़ों संघीय और प्रांतीय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए नई सीमाएं बनाने की कवायद में छह महीने या उससे अधिक समय लग सकता है। राज्य टेलीविजन की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग ने गुरुवार को कहा कि नए निर्वाचन क्षेत्रों को 14 दिसम्बर तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उसके बाद, आयोग चुनाव की तारीख की पुष्टि करेगा।
कुरेशी ने चुनाव में देरी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की थी
चुनावी विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इस प्रक्रिया के कारण राष्ट्रव्यापी मतदान कई महीनों तक, संभवतः फरवरी तक आगे बढ़ सकता है। खान की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई का नेतृत्व कर रहे कुरेशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ‘अगर 90 दिनों की समयसीमा का उल्लंघन हुआ तो यह असंवैधानिक होगा।’ उन्होंने कहा था कि पार्टी ने किसी भी देरी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की योजना बनाई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यदि वर्तमान कार्यवाहक व्यवस्था अपने संवैधानिक कार्यकाल से आगे बढ़ती है, तो निर्वाचित सरकार के बिना एक लंबी अवधि सेना को नियंत्रण मजबूत करने की अनुमति देगी, जिसने देश के 76 वर्षों के अस्तित्व के तीन दशकों से अधिक समय तक सीधे शासन किया।