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NDA के एक और सहयोगी दल AJSU ने भी जताई नाराजगी, चंद्रप्रकाश चौधरी बोले – सभी को मिले सम्मान

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रांची, 11 जून। केंद्र नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के गठन के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की झारखंड में सहयोगी पार्टी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) ने भी कैबिनेट में जगह न मिलने पर नाखुशी जाहिर की है।

गिरिडीह से AJSU उम्मीदवार चंद्रप्रकाश चौधरी को मिली है जीत

झारखंड की गिरिडीह लोकसभा सीट से AJSU उम्मीदवार चंद्रप्रकाश चौधरी की जीत के बाद पार्टी को उम्मीद थी कि सांसद चौधरी को भी कैबिनेट में मंत्री पद दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। झारखंड से कैबिनेट मंत्री के तौर पर कोडरमा से भाजपा सांसद अन्नपूर्णा देवी को शपथ दिलाई गई जबकि रांची से सांसद संजय सेठ को राज्यमंत्री के तौर पर मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।

AJSU कार्यकर्ता व समर्थक निराश, पार्टी इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करेगी

AJSU सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि सभी सहयोगी दल जो सरकार को समर्थन दे रहे हैं, उन्हें उचित मान सम्मान दिया जाना चाहिए था। इससे AJSU कार्यकर्ता और समर्थकों को निराशा हुई है और पार्टी इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करेगी।

उल्लेखनीय है कि 2019 में रघुवर दास की अगुआई में AJSU जब विधानसभा चुनाव अकेले लड़ी थी तो भाजपा के खाते में महज 25 सीटें आई थी। ऐसे में एक बार फिर चर्चा है की क्या केंद्र में मंत्री बनाने से भाजपा का इनकार यहां राज्य के विधानसभा चुनावों में कोई असर डाल सकता है। झारखंड में ओबीसी की आबादी 46 फीसदी है, जिसमें यादव 10 फीसदी और वैश्य 25 फीसदी हैं।

एनसीपी अजित गुट जता चुका है नाराजगी

एनसीपी अजित गुट भी मंत्री पद नहीं मिलने के बाद अपनी नाराजगी पहले ही जाहिर कर चुका है। पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा था, ‘शपथ ग्रहण से पहले हमें बताया गया था कि हमारी पार्टी को स्वतंत्र प्रभार वाला एक राज्य मंत्री मिलेगा। मैं पहले केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री था, इसलिए यह मेरे लिए एक डिमोशन होता। हमने भाजपा नेतृत्व को सूचित कर दिया है और उन्होंने हमें कहा है कि बस कुछ दिन इंतजार करें, वे सुधारात्मक उपाय करेंगे।’

शिंदे गुट की शिवसेना ने भी जताई है नाखुशी

मोदी कैबिनेट में उचित प्रतिनिझित्व न मिलने से एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना भी नाराजगी जता चुकी है। पार्टी के चीफ ह्विप श्रीरंग बारणे ने कहा था कि एक तरफ जहां चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और एचडी कुमारस्वामी की पार्टियों को कम सीट मिलने के बाद भी उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वहीं, उनकी पार्टी के सात सांसद होने के बावजूद सिर्फ स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री का ही पद दिया गया।

सात सीटों के बावजूद शिवसेना को सिर्फ एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) क्यों मिला

श्रीरंग बारणे ने कहा, ‘हम कैबिनेट में जगह की उम्मीद कर रहे थे। चिराग पासवान के पांच सांसद हैं, मांझी के एक सांसद हैं, जेडीएस के दो सांसद हैं, फिर भी उन्हें एक कैबिनेट मंत्रालय मिला है। फिर सात लोकसभा सीटें मिलने के बावजूद शिवसेना को सिर्फ एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) क्यों मिला?’

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