भोपाल, 16 जनवरी। मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए एक और चीता ‘शौर्य’ की मंगलवार को मौत हो गई। हालांकि ‘शौर्य’ की मौत का कारण अब तक सामने नहीं आया है। नामीबिया से लाए जाने से पहले इस चीते का नाम ‘फ्रेडी’ था। भारत में आने के बाद उसका नाम बदलकर ‘शौर्य’ रख दिया गया था।
देखा जाए तो भारत में दोबारा शुरू किए गए ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत सितम्बर, 2022 और उसके बाद दक्षिण अफ्रीका व नामीबिया से लाए गए चीतों में अब तक 10 की जान जा चुकी है, जिनमें सात वयस्क और तीन शावक चीते शामिल हैं।
लायन प्रोजेक्ट निदेशक ने एक बयान में कहा, ‘आज 16 जनवरी, 2024 को दोपहर करीब 3.17 बजे नामीबियाई चीता ‘शौर्य’ का निधन हो गया। पूर्वाह्न लगभग 11 बजे, ट्रैकिंग टीम द्वारा जानवर की असंयम और लड़खड़ाती चाल देखी गई, जिसके बाद जानवर को शांत किया गया और कमजोरी पाई गई। इसके बाद, जानवर को पुनर्जीवित कर दिया गया, लेकिन पुनरुद्धार के बाद जटिलताएं पैदा हुईं और जानवर सीपीआर का जवाब देने में विफल रहा। पोस्टमार्टम के बाद मौत का कारण पता चल सकेगा।’
उल्लेखनीय है पांच मादा और तीन नर चीतों सहित आठ चीतों को नामीबिया से 17 सितम्बर, 2022 को भारत में चीतों को फिर से बसाने की योजना ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत कूनो में लाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन चीतों को बाड़ों में छोड़ा था। इसके बाद सात नर और पांच मादा सहित 12 चीतों को 18 फरवरी, 2023 को दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया था। मार्च, 2023 में मादा चीता सियाया (ज्वाला) ने चार शावकों को जन्म दिया था। 20 चीतों में से अब तक सात वयस्क चीतों और तीन शावकों की मौत हो चुकी है।
इन चीतों की अब तक हुई है मौत
- 26 मार्च, 2023 को नामीबियाई मादा चीता ‘साशा’ की मौत किडनी संक्रमण के चलते हुई।
- 23 अप्रैल, 2023 नर चीता ‘उदय’ की मौत कार्डियो पल्मोनिरी फेलियर के चलते हुई।
- 9 मई, 2023 को नर चीतों के साथ हिंसक झड़प में ‘दक्षा’ की मौत हुई।
- 23 मई, 2023 को सियाया (ज्वाला) के एक शावक की मौत हुई। इसके बाद दो और शावकों की मौत 25 मई को डिहाइड्रेशन से हो गई।
- 11 जुलाई, 2023 साउथ अफ्रीकी चीता ‘तेजस’ की मौत नामीबियाई मादा चीता नाभा (सवाना) के साथ हिंसक झड़प के चलते हुई।
- 2 अगस्त, 2023 को एक और चीता की मौत हो गई।
- 16 जनवरी, 2024 को चीता ‘शौर्य’ की मौत हुई।