देहरादून, 11 जनवरी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ के प्रभावित परिवारों के लिए बुधवार मुआवजे की घोषणा की। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक प्रभावित परिवारों को तात्कालिक तौर पर ₹1.5 लाख रुपये की धनराशित अंतरिम सहायता के रूप में दी जाएगी। वहीं जिन घरों को तोड़ा जाएगा, उन परिवारों को बाजार दर पर मुआवजा दिया जाएगा।
मुआवजे के बावजूद नाखुश हैं प्रभावित परिवार
हालांकि राज्य सरकार द्वारा की गई इस घोषणा से भी स्थानीय लोग नाखुश हैं और वे घरों को तोड़े जाने के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। दरअसल स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार ने बाजार दर पर मुआवजे का एलान तो कर दिया है, लेकिन यह नहीं बताया कि बाजार रेट क्या होगा। प्रभावित परिवारों की यह भी मांग है कि उन्हें बद्रीनाथ की तर्ज पर मुआवजा मिले।
प्रभावित परिवारों के साथ जिला मजिस्ट्रेट ने की बैठक
प्रभावित परिवारों के साथ बुधवार को जिला मजिस्ट्रेट ने बैठक की। मुख्यमंत्री के सचिव आरएम सुंदरम भी बैठक में थे। होटल मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह ने कहा, ‘मेरी मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के साथ बैठक हुई। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ के तर्ज पर मुआवजा नहीं मिलेगा, लेकिन मार्केट रेट पर होगा।’
बकौल होटल मालिक – ‘हमने बोला कि मार्केट रेट बता दें, लेकिन उन्होंने कहा कि नहीं बता सकते। हमने कहा कि हम भी नहीं उठेंगे। मैं अपने लिए यहां नहीं बैठा हूं, मेरा बेटा फ्रांस में रहता है…मैं तो वहां चला जाऊं, लेकिन मैं यहां के लोगों के लिए बैठा हूं।’ एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया, ‘दो साल पुराना हमारा घर है और एक साल से इसमें दरारें आने शुरू हुई हैं। इसके लिए हमने प्रशासन से भी बात की तो उन्होंने इसके लिए सिर्फ 5,200 रुपये दिए हैं।’
723 भवनों में दरारें परिलक्षित हुई हैं
चमोली जिले के डीएम हिमांशु खुराना के मुताबिक 700 से अधिक घरों में दरारें पड़ चुकी हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे सर्वे के बाद 723 संरचनाओं में दरारें परिलक्षित हुई हैं और हम लगातार जनप्रतिनिधियों के सम्पर्क में हैं ताकि अगर और कहीं दरारें हो तो वो हमें बताए।’ बकौल डीएम – 131 परिवारों को सहायता केंद्र में शिफ्ट कर दिया गया है।
जोशीमठ व कर्णप्रयाग के बाद टिहरी गढ़वाल में दरारें
इस बीच जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग में भी कई घरों में दरारें पड़ चुकी हैं। खबर है कि टिहरी गढ़वाल में भी चंबा सुरंग के पास के मकानों में दरारें दिखने लगी हैं। कर्णप्रयाग के तहसीलदार ने कहा, ‘मानसून से समय में पूरा क्षेत्र प्रभावित रहा है। बारिश के मौसम में पानी घरों में घुस जाता था और यहां भू-धंसाव की स्थिति बनी हुई थी। हमने अगस्त और सितम्बर में संयुक्त निरीक्षण किया था और 27 भवनों की सूची जिला कार्यालय को दी थी।’
भवनों को गिराने में हैवी मशीनों का नहीं किया जाएगा उपयोग
उधर जोशीमठ में पुलिस, SDRF, NDRF और CBRI की टीमें पहुंच चुकी है। SDRF कमांडेंट मणिकांत मिश्र ने कहा कि होटल के मालिक वार्ता चल रही है। कुछ बिंदुओं पर उनको संदेह था, वे करीब-करीब समाप्त हो गया है। उसके बाद भवन गिराने का काम शुरू हो जाएगा। हालांकि भवनों को गिराने में हैवी मशीनों का प्रयोग नहीं किया जा सकता। इसमें ज्यादातर हाथ से चलने वाली मशीनों का ही प्रयोग किया जाएगा।