अंबाला, 15 सितम्बर। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं। इसी कड़ी में राज्य के पूर्व गृह मंत्री और अंबाला छावनी से वरिष्ठ भाजपा विधायक अनिल विज ने मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक दिया है।
छह बार के विधायक और इस बार भी अंबाला कैंट से ताल ठोक रहे अनिल विज ने रविवार को अपने चुनाव कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। साथ ही अपनी इच्छा भी जाहिर करते हुए कहा, ‘भाजपा में सबसे सीनियर होने के नाते मैं यह मांग रखूंगा कि यदि पार्टी सत्ता में आए तो मुझे सीएम बनाया जाना चाहिए।’
‘लोगों की मांग और अपनी वरिष्ठता के आधार पर मैंने आवाज उठाई‘
अनिल विज ने कहा कि इससे पहले उन्होंने कभी भी पार्टी के सामने कोई मांग नहीं रखी है। उन्होंने कहा, ‘मेरे निर्वाचन क्षेत्र और दूसरी जगहों से भी लोग मेरे पास आ रहे हैं। वे कहते हैं कि सबसे सीनियर होने के बावजूद मैं मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकता। इसलिए लोगों की मांग और अपनी वरिष्ठता के आधार पर मैंने आवाज उठाई। सीएम बनने के लिए मैं अपने दावे को आगे बढ़ाऊंगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार और पार्टी ने उन्हें टॉप पोस्ट के लिए चुना तो वह हरियाणा का चेहरा बदलकर रख देंगे।
‘मैं दावा पेश करूंगा, फैसला पार्टी आलाकमान को लेना है‘
विज ने बाद में समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘मैं पार्टी का सबसे सीनियर विधायक हूं और छह बार चुनाव जीत चुका हूं। सातवां चुनाव लड़ रहा हूं। मैंने अब तक अपनी पार्टी से कभी कुछ नहीं मांगा है। लेकिन, पूरे हरियाणा और मेरे अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोग मुझसे मिल रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश करूंगा। इस पर फैसला पार्टी आलाकमान को लेना है।’
यह याद दिलाए जाने पर कि नायब सिंह सैनी को पहले ही मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है तो विज ने कहा, ‘दावा करने पर कोई रोक नहीं है। मैं अपना दावा करूंगा, पार्टी को जो फैसला लेना होगा, वह लेगी।’
भाजपा पहले ही नायब सिंह सैनी को सीएम के रूप में पेश कर चुकी है
हालांकि, अनिल विज की इस टिप्पणी से पहले ही भाजपा स्पष्ट कर चुकी है कि यदि वह सत्ता में लौटती है तो नायब सिंह सैनी ही मुख्यमंत्री रहेंगे। चुनाव में अब कुछ ही सप्ताह शेष रह गए हैं, ऐसे में उनके निर्णय के समय के बारे में पूछे जाने पर अनिल विज ने कहा कि लोगों के उनसे मिलने आने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया। गौरतलब है कि मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होगा और मतगणना आठ अक्टूबर को होगी।