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केरल : सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज एसएफआई कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के वायनाड स्थित कार्यालय में की तोड़फोड़

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नई दिल्ली, 24 जून। केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के वायनाड स्थित कार्यालय में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जमकर तोड़फोड़ की है। कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि एसएफआई कार्यकर्ताओं ने ऑफिस में मौजूद सामानों को नुकासन पहुंचाया गया। इस दौरान कार्यालय में कार्यरत स्टाफ को भी चोटें आई हैं।

बताया जा रहा है कि एसएफआई के कार्यकर्ता सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से नाराज चल रहे थे। वे उस मुद्दे पर राहुल गांधी के विचार जानना चाहते थे, जिन्होंने अब तक उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उसी वजह से यह प्रदर्शन किया गया और एसएफआई कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के ऑफिस में तोड़फोड़ कर दी।

तोड़फोड़ की घटना के वीडियो सामने आए

घटना के जो वीडियो सामने आए हैं, उनमें कुछ प्रदर्शनकारी ऑफिस की खिड़की की तरफ से अंदर घुसने का प्रयास कर रहे हैं। एक और वीडियो में पुलिस मौके से प्रदर्शनकारी को उठाकर हिरासत में ले जाती दिख रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण को लेकर बीते दिनों अहम फैसला सुनाया था

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था। उस फैसले में स्पष्ट कर दिया गया कि संरक्षित वनों, वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास का एक किलोमीटर वाला पूरा इलाका पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) रहने वाला है। ईएसजेड के नजदीक जो भी तमाम गतिविधियां होती रहती हैं, उन्हें नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी को लिखी है चिट्ठी

लेकिन केरल में विवाद इस बात को लेकर है कि अगर यह नियम वहां सख्ती से लागू कर दिया जाता है तो पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में रह रहे लोगों का क्या होगा, वो कहां पर जाएंगे? इसी मुद्दे को लेकर एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने वायनाड में प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी के विचार जानने का प्रयास किया। वैसे अब तक इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने मीडिया से तो कोई बात नहीं है, लेकिन उनकी तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी गई है।

राहुल गांधी ने उस चिट्ठी में बताया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से वायनाड के स्थानीय लोगों की चिंता काफी बढ़ गई है। इस एक फैसले की वजह से खेती से लेकर दूसरी गतिविधियों पर फर्क पड़ने वाला है। उन्होंने पीएम से अपील की है कि पर्यावरण के साथ-साथ लोगों की सुविधा और उनकी आजीविका का भी पूरा ध्यान रखा जाए।