नई दिल्ली, 7 सितम्बर। इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तालिबान के पूरी तरह कब्जे में आ चुके संकटग्रस्त अफगानिस्तान में पाकिस्तान की लगातार दखलंदाजी से अफगानी नागरिकों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस क्रम में काबुल, मजार-ए-शरीफ से लेकर अमेरिका सहित दुनिया के अन्य कई देशों में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है।
अफगानी नागरिकों में पाकिस्तान का विरोध इसलिए भी फिर जोर पकड़ रहा है कि बीते दिनों पंजशीर में पाकिस्तान की वायुसेना ने नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों के खिलाफ एक्शन लिया। इस दौरान अफगानिस्तान के स्वघोषित राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के घर बम बरसाए गए और ड्रोन से भी हमले की भी खबरें सामने आईं।
इसी क्रम में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ हामिद फैज की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल भी काबुल पहुंचा है। तालिबान के प्रवक्ता ने सोमवार को इसके पीछे तर्क दिया था कि पाकिस्तान के लगातार आग्रह पर पाक प्रतिनिधिमंडल के काबुल दौरे की स्वीकृति दी गई। साथ ही यह भी कहा गया कि हामिद फैज द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के इरादे से काबुल पहुंचे हैं।
अफगानिस्तान में आईएसआई को लेकर ज्यादा गुस्सा
लेकिन अफगानिस्तान के लोग आईएसआई से खासे नाराज हैं और काबुल, मज़ार-ए-शरीफ में सोमवार को लोगों ने सड़कों पर आकर प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों के निशाने पर पाकिस्तान था और आईएसआई चीफ थे। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए मांग की कि पंजशीर में आम लोगों को निशाना ना बनाया जाए और पाकिस्तान किसी तरह का हमला न करे।
प्रदर्शनकारियों ने आईएसआई चीफ की वापसी की मांग की क्योंकि अफगानिस्तान के लोगों को लगता है कि आईएसआई ही तालिबान और हक्कानी नेटवर्क का खुलकर साथ दे रही है, इसलिए पंजशीर में नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों की मुसीबत बढ़ी है।
सिर्फ काबुल-मजार ए शरीफ ही नहीं बल्कि अमेरिका, यूके व ऑस्ट्रिया सहित अन्य देशों में भी पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। वाशिंगटन में रहने वाले अफगान नागरिकों ने तालिबान के खिलाफ नारेबाजी की, साथ ही पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने पर मांग की।
ईरान भी दे चुका है हिदायत
ईरान की ओर से भी कल एक बयान दिया गया था, जिसमें किसी भी बाहरी देश के इस तरह दखल देने का विरोध किया गया था। पाकिस्तान का नाम लिए बिना ईरान ने कहा था कि वह किसी भी तरह के हमले की निंदा करते हैं और मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जाहिर करते हैं।