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आत्मनिर्भर भारत की मिसाल, वंदे भारत एक्सप्रेस के शानदार 5 साल

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नई दिल्ली, 1 सितम्बर। भारत आज आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में भारत सरकार ने ऐसी कई पहल की हैं, जो देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही हैं। भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में शुरू की गई पहल ‘मेक इन इंडिया’ का ही असर रहा कि भारत आज हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

आत्मनिर्भर बनने की दिशा में पांच वर्ष पहले भारत एक और ऐतिहासिक यात्रा पर निकला था, जब देश में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा शुरू की गई थी। इसी क्रम में 31 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर से दक्षिण तक तीन वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। 2019 में शुरू हुई वंदे भारत एक्स्प्रेस सेवा ने 2024 में अपने सफलतम 5 वर्ष पूरे कर लिए। सात मई, 2024 तक वंदे भारत ट्रेन की समग्र रूप से अधिभोग दर 98.10 प्रतिशत थी। जहां 31 अगस्त से पहले देशभर में 102 वंदे भारत एक्स्प्रेस सेवाएं संचालित की जा रही थी, वहीं आज से देशभर में इन सेवाओं की संख्या 108 हो गई।

भारत की पहली स्वदेशी सेमी हाईस्पीड ट्रेन

वंदे भारत एक्स्प्रेस सेवा में आत्मनिर्भर भारत की झलक साफतौर पर देखने को मिलती हैं। पूरी दुनिया में आधुनिक भारत की नई पहचान स्थापित करने वाली स्वदेश निर्मित और वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से सुसज्जित सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस देशवासियों को तेज व आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान कर रही है।

गति भी और प्रगति भी

वंदे भारत ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की उच्चतम गति पर चल सकती है, जिससे ये न सिर्फ यात्रियों को बल्कि देश को भी गति देने वाली साबित हो रही हैं। इस ट्रेन को रखरखाव प्रौद्योगिकियों और कार्यप्रणालियों को उन्नत करने और सभी रेलवे परिसंपत्तियों और जनशक्ति की उत्पादकता और प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए शुरू किया गया है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ विश्वसनीयता, उपलब्धता, उपयोग और दक्षता शामिल होगी एवं देश प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ेगा।

पहली वंदे भारत एक्स्प्रेस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ‘नई दिल्ली – वाराणसी’ वंदे भारत को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। दिल्ली से काशी के बीच सफर तय करने वाली वे वंदे भारत रेल चेन्नई में बनकर तैयार हुई थी, जो एक भारत-श्रेष्ठ भारत की सच्ची ताकत को भी दर्शाने वाली थी।

वंदे भारत 2.0, नया अवतार

वंदे भारत 2.0, वंदे भारत का नया अवतार था, जिसकी पहली ट्रेन 30 सितम्बर, 2022 को पीएम मोदी ने गांधीनगर से मुंबई के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना की थी। 430 टन के पिछले वर्जन की तुलना में इस उन्नत वंदे भारत एक्सप्रेस का वजन 392 टन था।

भारतीय सेवा, विश्वस्तरीय सुविधा

भारत में चलने वाली इस स्वदेशी ट्रेन सेवा में विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इस ट्रेन का प्रभाव, प्रदर्शन, सुरक्षा और यात्री आराम के वैश्विक मानकों से मेल खाता है और फिर भी वैश्विक कीमतों के आधे से भी कम लागत पर, वैश्विक रेल व्यवसाय में एक गेम चेंजर बनने की क्षमता रखता है। इन सुविधाओं में स्वदेशी टक्कर रोधी कवच प्रणाली, यात्रियों के आसान आवागमन के लिए पूरी तरह से सीलबंद गैंगवे, स्वचालित प्लग दरवाजे, एगॉर्नमिक सीटों के साथ रिकलाइनिंग सीटें और आरामदायक सीटें, हॉट केस, बॉटल कूलर, डीप फ्रीजर और गर्म पानी बॉयलर की व्यवस्था सहित मिनी पैंट्री, डायरेक्ट और डिफ्यूज्ड प्रकाश व्यवस्था, दिव्यांगजन यात्रियों के लिए डीटीसी में विशेष शौचालय, सभी सवारी डिब्बों में सीसीटीवी – आपातकालीन अलार्म पुश बटन – टॉक बैंक यूनिट, वॉयस रिकॉर्डिंग सुविधा और क्रैश हार्ड मेमोरी के साथ ड्राइवर-गार्ड संवाद एवं सवारी डिब्बों के बाहर रियर व्यू कैमरे सहित 4 प्लेटफॉर्म साइड कैमरे प्रमुख हैं।

108 वंदे भारत एक्स्प्रेस सेवाएं

वाराणसी – नई दिल्ली, नई दिल्ली – श्री माता वैष्णो देवी कटरा, मुंबई सेंट्रल – गांधीनगर कैपिटल, नई दिल्ली – अंब अंदौरा, एमजीआर चेन्नई सेंट्रल – मैसूरु, बिलासपुर – नागपुर, हावडा – न्यू जलपाईगुडी, विशाखापत्तनम – सिकंदराबाद, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस – साईनगर शिरडी, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस – सोलापुर, रानी कमलापति – हजरत निजामुद्दीन, एमजीआर चेन्नई सेंट्रल – कोयम्बटूर, सिकंदराबाद – तिरुपति, अजमेर – चंडीगढ़, मंगलोर सेंट्रल – तिरुवनंतपुरम सेंट्रल, हावड़ा – पुरी, आनंद विहार (टर्मिनल) – देहरादून, न्यू जलपाईगुडी – गुवाहाटी, रानी कमलापति – रीवा, केएसआर बैंगलुरु – धारवाड़, इंदौर – नागपुर, पटना – रांची, छत्रपति शिवाजी महाराज (टर्मिनस) – मडगांव, जोधपुर – साबरमती, गोरखपुर – प्रयागराज, कासरगोड – तिरुवनंतपुरम सेंट्रल, अहमदाबाद – ओखा, चेन्नई एग्मोर – तिरुनेलवेली, एमजीआर चेन्नई सेंट्रल – विजयवाड़ा, काचीगुड़ा – यशवंतपुर, उदयपुर सिटी – जयपुर, हावड़ा – पटना, राउरकेला – पुरी, हावडा – रांची, बैंगलुरु कैंट – कोयंबटूर, मंगलौर – मडगांव, जालना – सीएसएमटी मुंबई, बनारस – नई दिल्ली, आनंद विहार (टर्मिनल) – अयोध्या कैंट, श्री माता वैष्णो देवी कटरा – नई दिल्ली, अमृतसर – दिल्ली, मैसूर – चेन्नई सेंट्रल, सिकंदराबाद – विशाखापतनम, भुवनेश्वर – विशाखापत्तनम, रांची – बनारस, कलबुर्गी – एसएमवी बैगलुरु, न्यू जलपाईगुडी – पटना, पटना – गोमतीनगर, खजुराहो-हजरत निजामुद्दीन, लखनऊ जंक्शन-देहरादून, मुंबई सेंट्रल-अहमदाबाद, मेरठ-लखनऊ, मदुरै-बेंगलुरु, चेन्नई-नागरकोइल।

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