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अमित शाह का कांग्रेस पर करारा प्रहार, राज्यसभा में बोले – भाजपा सरकार हर राज्य में लाएगी समान नागरिक संहिता

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नई दिल्ली, 17 दिसम्बर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को ‘संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ पर राज्यसभा में चर्चा का जवाब देते हुए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया। उच्च सदन में 31 घंटे तक चली दो दिवसीय मैराथन बहस का समापन करते हुए शाह ने सरदार पटेल के एकीकरण प्रयासों की सराहना की और उनके योगदान के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने समान नागरिक संहिता (UCC), मुस्लिम पर्सनल लॉ और धार्मिक आरक्षण सहित प्रमुख मुद्दों को संबोधित किया।

भारत की लोकतांत्रिक सफलता

अमित शाह ने यूसीसी को लागू करने की भाजपा सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र बहुत गहराई से जुड़ा हुआ है और उन्होंने देश को वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने में सक्षम बनाने का श्रेय संविधान को दिया। शाह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत का लोकतंत्र वहां सफल हुआ, जहां अन्य विफल रहे। उन्होंने कहा, ‘पिछले 75 वर्षों में कई देशों ने स्वतंत्रता प्राप्त की, लेकिन वहां लोकतंत्र पनप नहीं पाया। हालांकि, हमारा लोकतंत्र बहुत मजबूत है। हमने बिना खून की एक बूंद बहाए कई बदलाव किए। भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीकों से कई तानाशाहों के अहंकार को चकनाचूर कर दिया है।

आर्थिक उपलब्धियां और वैश्विक स्थिति

भारत की आर्थिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए शाह ने कहा कि देश ने संदेह करने वालों को गलत साबित कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश के लोगों और हमारे संविधान ने उन लोगों को करारा जवाब दिया है, जो कहते थे कि हम कभी आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं हो सकते। आज हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और हमने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है।’

संविधान लहराने का मुद्दा नहीं, विश्वास का विषय है…

संविधान संशोधन का जिक्र करते हुए गृह मंत्री कहा, ‘मोदी सरकार के लिए संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि वंचितों के कल्याण और राष्ट्र निर्माण की मूल प्रेरणा है। हमारा लोकतंत्र पाताल से भी गहरा है। हमारा संविधान दुनिया के संविधानों की नकल नहीं है।’

शाह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “…हमारे संविधान में संविधान को कभी भी अपरिवर्तनीय नहीं माना गया है। अनुच्छेद 368 में संविधान में संशोधन का प्रावधान है…कुछ राजनेता 54 वर्ष की आयु में खुद को ‘युवा’ कहते हैं। संविधान लेकर घूमते रहते हैं और कहते हैं कि संविधान बदल देंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं बताना चाहता हूं कि संविधान में संशोधन का प्रावधान अनुच्छेद 368 में है…भाजपा ने 16 साल तक शासन किया और हमने संविधान में 22 परिवर्तन किए। ..कांग्रेस ने 55 साल राज किया और 77 परिवर्तन किए…। संविधान में 39वें संशोधन ने सभी सीमाएं पार कर दीं। 10 अगस्त, 1975 का दिन हमारे संविधान में काला दिन था। इंदिरा गांधी के चुनाव को इलाहाबाद न्यायालय ने अमान्य घोषित कर दिया।”

मोहब्बत की दुकानका जिक्र कर राहुल पर वार

राहुल गांधी की ‘मोहब्बत की दुकान’ का जिक्र करते हुए अमित शाह ने करारा अटैक किया। उन्होंने कहा कि मोहब्बत की दुकान के बहुत नारे सुने हैं। हर गांव में दुकान खोलने की महत्वाकांक्षा रखने वाले के भी बहुत भाषण सुने हैं। मोहब्बत बेचने की चीज नहीं है भैया। मोहब्बत प्रचार की चीज नहीं… मोहब्बत जज्बा है, महसूस करने की चीज है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ

अमित शाह ने मुस्लिम पर्सनल लॉ का जिक्र करते हुए कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस यह स्पष्ट करे कि देश में एक कानून होना चाहिए या नहीं। इन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ के साथ हिन्दू कोड बिल भी ला दिया। हिन्दू कोड बिल में कोई पुराना नियम नहीं है। सामान्य कानून को ही इन्होंने हिन्दू कोड बिल का नाम दे दिया। चलो मान लिया कि पर्सनल लॉ होना चाहिए तो पूरा शरिया लागू करिए। विवाह और तलाक के लिए पर्सनल लॉ, तुष्टिकरण की शुरुआत तो यहीं से हुई। आप तुष्टिकरण नहीं ला सकते। हमने ही उत्तराखंड में यूसीसी लाने का काम किया है।’

अनुच्छेद 370 हटाने से तुष्टिकरण की दुकान बंद हो गई

शाह ने कहा, ‘कांग्रेस इतने वर्षों तक अनुच्छेद 370 को गोद में खिलाने का काम करती आई। लोग कहते थे कि खून की नदियां बहने लगेंगी। नरेंद्र मोदी जैसे ही दूसरी बार सत्ता में आए और एक ही झटके में इसे हटाने का काम किया। खून की नदियां छोड़ो, एक कंकड़ भी चलाने की किसी में हिम्मत नहीं हुई। आज सभी केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर नंबर वन है। 1 लाख 19 हजार करोड़ का निवेश आज आ गया है। ये पूछते हैं कि 370 हटाने से क्या हो गया। बताता हूं इससे आपकी तुष्टिकरण की दुकान बंद हो गई।’

कच्चातिवू द्वीप का भी जिक्र

गृह मंत्री ने कांग्रेस पर नागरिक अधिकारों के कत्ल के लिए संविधान संशोधन करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कच्चातिवू द्वीप का जिक्र करते हुए कहा, ‘रातोंरात कांग्रेस सरकार ने ये द्वीप श्रीलंका को दे दिया। इस पर संसद के पास विषय ही नहीं आया। आज भी यह हमारा भूभाग है, लेकिन हमारे पास नहीं है। आपने पार्टी को तो परिवार की जागीर समझा ही है, संविधान को भी परिवार की जागीर समझ लिया है। संविधान के साथ ऐसा अन्याय दुनिया के किसी शासक ने नहीं किया होगा।’

आपातकाल को लेकर कांग्रेस को लगाई लताड़

आपातकाल का जिक्र शाह ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा, ‘कई लोगों को इन्होंने जेल में डाल दिया था। इसमें से कई लोग आज इनके साथ बैठे हैं। देश पर कोई हमला हुआ था क्या या देश में कोई आफत आ गई थी। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। बस इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अयोग्य ठहरा दिया था। नीरज डे एक यस सर कहने की वजह से 11 साल तक देश के अटॉर्नी जनरल रहे। मैं तो छोटा था, जेल में नहीं जाना पड़ा, मेरी आयु होती तो पूरे 19 महीने जेल में बंद रहना पसंद करता।’

इंडिया के नजरिये से देखोगे तो भारत समझ नहीं आएगा

अमित शाह ने कहा, ‘जब संविधान बन रहा था, हर आर्टिकल पर चर्चा चल रही थी। हम आजाद हो गए थे लेकिन देश कोई नया नहीं बना। अंग्रेज लिखकर गए थे इंडिया, वो भारत जानते ही नहीं थे। आजाद होने पर इस पर चर्चा हुई, सेठ गोविंद दास ने कहा कि नाम भारत होना चाहिए और जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि और पीछे देखने की जरूरत नहीं है, भविष्य की ओर देखने की जरूरत है और इंडिया भी रहा, भारत भी रहा। इंडिया के नजरिये से देखोगे तो भारत समझ नहीं आएगा। इसीलिए इन्होंने अपने गठबंधन का नाम भी इंडिया ही रखा।’

पुरानी परंपराओं पर हमें शर्म नहीं

अमित शाह ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा, ‘हमें अपनी पुरानी परंपराओं पर शर्म नहीं है। हम परंपराएं बदलेंगे। इंडिया गेट पर किंग पंचम जॉर्ज की मूर्ति हटा दी और सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगा दी। हमने वीर छत्रपति शिवा जी महाराज की प्रतिमा लगा दी। हमने राष्ट्रीय शहीद स्मारक बनाया और अमर जवान ज्योति को विलीन करने का काम किया। सेंगोल को इलाहाबाद के म्यूजियम में भेज दिया गया था, नरेंद्र मोदी ने विधिवत सेंगोल को संसद में स्थापित करने का काम किया। नई संसद बनाई और हजारों मूर्तियां वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय ने प्रयास किया।’

आज वे हार जाते हैं और EVM को दोष देते हैं

ईवीएम पर विपक्ष के आरोप का जवाब देते हुए शाह ने कहा, ‘आज वे हार जाते हैं और EVM को दोष देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने EVM के खिलाफ याचिका को 24 बार खारिज कर दिया। चुनाव आयोग ने EVM को तीन दिन तक रखा कि इसे हैक करके दिखाएं। लेकिन कोई नहीं गया।’

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