नई दिल्ली, 19 सितम्बर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में पेश महिला आरक्षण संबंधी विधेयक को ‘चुनावी जुमला’ करार दिए जाने के बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि वे इस कदम को पचा नहीं पा रहे हैं।
अमित शाह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह भी आरोप लगाया कि पेश किया गया विधेयक महिलाओं को सशक्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है जबकि इसे लेकर कांग्रेस कभी गंभीर नहीं रही और उसके कदम ‘प्रतीकात्मक’ रहे हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने दिन में संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ लोकसभा में पेश किया। कांग्रेस ने इस विधेयक को ‘चुनावी जुमला’ करार देते हुए कहा कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है क्योंकि विधेयक में कहा गया है कि ताजा जनगणना और परिसीमन के बाद यह 2029 से लागू होगा।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता देने की कोई वास्तविक मंशा होती, तो महिला आरक्षण विधेयक बिना किसी किंतु-परंतु के तुरंत लागू कर दिया गया होता। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार 2021 की जनगणना कराने में विफल रही है।
महिला आरक्षण को लेकर कांग्रेस कभी गंभीर नहीं रही, उसके कदम ‘प्रतीकात्मक’ रहे
जयराम रमेश के आरोप के जवाब में शाह ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘भारत के कोने-कोने में, लोग संसद में नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किए जाने का जश्न मना रहे हैं। यह महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अफसोस की बात है कि विपक्ष इसे पचा नहीं पा रहा है। और इससे भी शर्मनाक बात यह है कि प्रतीकात्मक कदम उठाने को छोड़कर, कांग्रेस कभी भी महिला आरक्षण के बारे में गंभीर नहीं रही है।’
Across the length and breadth of India, people are rejoicing the introduction of the Nari Shakti Vandan Adhiniyam in Parliament. It shows the unwavering commitment of the Modi Government to empower women. Sadly, the Opposition is unable to digest this. And, what is more shameful…
— Amit Shah (@AmitShah) September 19, 2023
शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने या तो विधेयकों को निष्प्रभावी होने दिया या उसके सहयोगी दलों ने विधेयक को सदन के पटल पर पेश करने से रोका। उन्होंने कहा, ‘उनके दोहरे मानदंड कभी नहीं छिपेंगे, चाहे वे जो भी स्टंट करने की कोशिश करें।’