नई दिल्ली, 18 दिसम्बर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद पर संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के कथित अपमान का आरोप लगाए जाने के बाद आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी सफाई पेश की और कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने राज्यसभा में संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए आंबेडकर को लेकर दिए गए अपने बयान पर उपजे विवाद के बाद कांग्रेस पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ पेश करने का आरोप भी लगाया।
खरगे के वार पर बोले – ‘मेरे इस्तीफे से आपकी दाल नहीं गलने वाली‘
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही शाह ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा इस्तीफा मांगे जाने पर कहा कि इससे आपकी दाल नहीं गलने वाली है। आपको 15 साल वहीं बैठना है, जहां आप बैठे हैं। उन्होंने कहा कि वह सपने में भी संविधान निर्माता का अपमान नहीं कर सकते।
अगर नरेंद्र मोदी के मन में बाबासाहेब के प्रति थोड़ी भी श्रद्धा है तो रात 12 बजे से पहले अमित शाह को उनके पद से बर्खास्त करें।
अमित शाह ने कहा कि “आप लोग जितनी बार आंबेडकर का नाम लेते हैं, इतनी बार अगर भगवान का नाम लेते तो आपको सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता”
BJP-RSS के लोग… pic.twitter.com/Sz1VpwJ4VV
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 18, 2024
केंद्रीय मंत्री की यह टिप्पणी विपक्षी सदस्यों द्वारा बीआर आंबेडकर पर उनकी टिप्पणी पर भारी हंगामा करने और उनसे माफी मांगने के बाद आई है। कांग्रेस ने दावा किया था कि शाह की टिप्पणी बीआर आंबेडकर का अपमान है। पार्टी ने साथ ही गृह मंत्री के इस्तीफे की भी मांग की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया।
‘आंबेडकर का कभी अपमान नहीं कर सकता‘
अमित शाह ने कहा, ‘मैं कभी भी आंबेडकर जी का अपमान नहीं कर सकता। जब लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष और विपक्ष होते हैं तो दलों, वक्ताओं का नजरिया अलग-अलग होता है। लेकिन एक बात समान होती है कि बात तथ्यों के आधार पर होनी चाहिए। कल (17 दिसंबर) से कांग्रेस ने जिस प्रकार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है, वो निंदनीय है। मैं इसकी निंदा करता हूं।’
शाह ने कहा कि संसद में चर्चा के दौरान यह सिद्ध हो गया कि बाबा साहेब आंबेडकर का कांग्रेस ने किस तरह से पुरजोर विरोध किया था। बाबा साहेब के न रहने के बाद भी किस प्रकार से कांग्रेस ने उन्हें हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि जहां तक ‘भारत रत्न’ देने का सवाल है, कांग्रेस के नेताओं ने कई बार खुद ही अपने आप को ‘भारत रत्न’ दिए हैं।
वीडियो से छेड़छाड़ का आरोप
गृह मंत्री ने कहा, ‘राज्यसभा में मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। पहले उन्होंने (कांग्रेस) पीएम मोदी के भी एडिटेड बयानों को सार्वजनिक किया। चुनाव जब चल रहा था, तब मेरे बयानों को AI का उपयोग कर एडिट किया गया और पूरे देश में इसे प्रसारित करने का घृणित कार्य किया गया और आज अंबेडकर जी के लिए मेरी बात को तोड़-मरोड़कर वे पेश कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मैं स्पष्टता के साथ कहना चाहता हूं। मीडिया से अपील भी करता हूं कि मेरा पूरा बयान जनता के सामने रखिए। मैं उस पार्टी से आता हूं, जो कभी आंबेडकर का अपमान नहीं कर सकती। पहले जनसंघ और फिर भाजपा ने हमेशा आंबेडकर जी के सिद्धांतों पर चलने का प्रयास किया है। आरक्षण को और मजबूत करने का काम भाजपा ने किया है।’
कांग्रेस पर लगाया बाबा साहेब का अपमान करने का आरोप
शाह ने आगे कहा कि 1955 में नेहरू जी ने खुद को ‘भारत रत्न’ दे दिया। 1971 में इंदिरा जी ने खुद को ‘भारत रत्न’ दे दिया। लेकिन बाबा साहेब को ‘भारत रत्न’ 1990 में तब मिला, जब कांग्रेस सत्ता में नहीं थी और भाजपा के समर्थन वाली सरकार थी। 1990 तक कांग्रेस बाबा साहेब को ‘भारत रत्न’ न मिले, इसके लिए प्रयास करती रही। यहां तक कि बाबा साहेब की 100वीं जयंती को मनाने की मनाही कर दी गई। शाह ने कहा, टमेरा भाषण स्पष्ट और बिना किसी भ्रम के था, जो राज्यसभा के रिकॉर्ड में है।’
उन्होंने कहा कि विगत सप्ताह में संसद में लोकसभा और राज्यसभा में संविधान को स्वीकार किए हुए 75 साल के मौके पर संविधान की रचना, संविधान निर्माताओं के योगदान और संविधान में प्रस्थापित किए गए आदर्शों पर एक गौरवमयी चर्चा का आयोजन हुआ। इस चर्चा में 75 साल की देश की गौरव यात्रा, विकास यात्रा और उपलब्धियों की भी चर्चा होनी थी।
कांग्रेस ने शाह के संबोधन का एक वीडियो शेयर किया
उल्लेखनीय है कि मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं कि ‘अभी एक फैशन हो गया है – आंबेडकर, आंबेडकर…। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’
बाबासाहेब का अपमान
नहीं सहेगा हिंदुस्तान pic.twitter.com/jnmPSRUyjr— Congress (@INCIndia) December 18, 2024
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने ऐसा इसलिए किया कि भारतीय जनता पार्टी के वक्ताओं ने संविधान पर, संविधान की रचना के मूल्यों पर और जब-जब कांग्रेस या भाजपा का शासन रहा, तब शासन ने संविधान के मूल्यों का किस तरह से मूल्यांकन, संरक्षण और संवर्धन किया। इस पर तथ्यों और अनेक उदाहरण के साथ बीजेपी के वक्ताओं ने विषय रखे।
उन्होंने कहा, ‘इससे तय हो गया कि कांग्रेस आंबेडकर की विरोधी पार्टी है। कांग्रेस आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने सावरकर का भी अपमान किया। कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियां उड़ा दीं। नारी सम्मान को भी वर्षों तक दरकिनार किया।’