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सोनेलाल पटेल की जयंती पर अमित शाह का प्रहार- कांग्रेस, सपा और बसपा ने कभी भी पिछड़ा समाज को संवैधानिक मान्यता नहीं दी

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लखनऊ, 2 जुलाई। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा है कि कांग्रेस, सपा और बसपा कई बार सत्ता में रहे या सत्ता में हिस्सेदार रहे, लेकिन इन दलों ने कभी भी पिछड़ा समाज को संवैधानिक मान्यता नहीं दिया। शाह रविवार को यहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सहयोगी और केन्‍द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाले अपना दल (सोनेलाल) की ओर से संगठन के संस्थापक डॉक्टर सोनेलाल पटेल की 74वीं जन्‍म जयंती पर आयोजित ‘जन स्वाभिमान दिवस’ समारोह को संबोधित कर रहे थे ।

अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, ”कांग्रेस पार्टी, सपा (समाजवादी पार्टी), बसपा (बहुजन समाज पार्टी) कई बार सत्ता में रहे, सत्ता में हिस्सेदार रहे, लेकिन कभी पिछड़ा समाज को संवैधानिक मान्यता नहीं दी। इन दलों ने कभी भी दलित और आदिवासी भाइयों के आयोग की तरह आयोग नहीं बनाया। मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी) ने पिछड़ा समाज के लिए आयोग बनाकर पिछड़ा समाज को संवैधानिक मान्यता देने का काम किया और इससे पिछड़ा कल्याण का रास्ता प्रशस्त हुआ।”

मंत्रि परिषद में  पिछड़ा समाज के 27 नेता मंत्री बनकर पिछड़ा समाज का कल्याण कर रहे

गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद भाजपा और राजग की यह पहली मंत्रिपरिषद है, जिसमें 27 पिछड़ा समाज के नेता मंत्री बनकर पिछड़ा समाज का कल्याण कर रहे हैं। अगर पहली बार सबसे ज्यादा पिछड़ा समाज, आदिवासी और दलित समाज के सांसद किसी गठबंधन में चुनकर आये हैं तो वह राजग गठबंधन में आये हैं। अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले अमित शाह ने कार्यकर्ताओं से नरेन्‍द्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का आह्वान करते हुए मोदी की अगुवाई वाली सरकार की उपलब्धियां गिनाई।

उन्होंने इसके साथ सही प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार में कानून-व्यवस्था और योजनाओं के क्रियान्वयन की सराहना की। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी (सपा) के मुख्यालय में भी डॉक्टर पटेल की जयंती का आयोजन किया गया। रविवार को कमेरा चेतना फाउंडेशन की ओर से विक्रमादित्य मार्ग स्थित सपा मुख्यालय के लोहिया सभागार में ”जातिवार जनगणना की जरूरत” विषयक परिचर्चा आयोजित की गयी है जिसमें समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने किया जबकि पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह विशिष्‍ट अतिथि के तौर पर शामिल हुए। कमेरा चेतना फाउंडेशन के अध्यक्ष कृष्णा पटेल की बड़ी पुत्री एवं सपा विधायक पल्लवी पटेल के पति पंकज निरंजन हैं।

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अपना दल के संस्थापक डॉक्टर सोनेलाल पटेल की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शाह ने कहा, ”सोनेलाल जी का पूरा जीवन दलित पिछड़े आदिवासी वंचित समाज के लिए संघर्ष करने में गया है। पूरा जीवन उन्होंने गरीब तबके के सभी समाजों को एकत्रित कर संघर्ष के रास्ते पर चलकर उनके जीवन में खुशियां भरने का कार्य किया। कई बार जेल गये, प्रताड़ना झेली लेकिन पिछड़ों के लिए संघर्ष की राह नहीं छोड़ी।”

‘सोनेलाल जी के बताए रास्ते पर अनुप्रिया पटेल अपना दल को आगे ले जा रहीं’

शाह ने कहा, ”आज आनन्‍द का विषय है कि सोनेलाल जी के बताए रास्ते पर बहन अनुप्रिया पटेल अपना दल को आगे ले जा रही हैं और पिछड़ा समाज के लिए संघर्ष का काम चालू रखा है।” उन्होंने कहा, ”अनुप्रिया जी और अपना दल मोदी जी के नेतृत्व में राजग ए के सदस्य हैं और उप्र में दो लोकसभा और दो विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा और जीता है। इसी का परिणाम है कि आज सपा-बसपा की विघटनकारी शक्तियों से उप्र को संपूर्ण रूप से निजात मिली है।”

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की प्रमुख कुर्मी बिरादरी में जन्मे डॉक्टर सोनेलाल पटेल ने वर्ष 1995 में अपना दल की स्थापना की और देश भर के कमेरा समाज को एकत्र कर पिछड़ों के हक की आवाज उठायी। डॉक्टर पटेल का 2009 में निधन हो गया और इसके बाद दल का नेतृत्व उनकी पत्नी कृष्णा पटेल ने संभाला। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में अपना दल ने पीस पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा और 403 सीटों में दो सीटों पर जीत मिली जिसमें अनुप्रिया पटेल भी पहली बार विधायक चुनी गयीं।

2014 के लोकसभा चुनाव से पहले अपना दल का भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन हुआ और चुनाव में अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर संसदीय क्षेत्र से सांसद चुनी गयीं। अपना दल से प्रतापगढ़ में कुंवर हरिवंश सिंह भी चुनाव जीते। अनुप्रिया केंद्र में मंत्री भी बनीं लेकिन इसी बीच मां-बेटी की राजनीतिक रार जगजाहिर हो गयी। बाद में अपना दल दो गुटों में बंट गया।

अपना दल (सोनेलाल) का नेतृत्व अनुप्रिया पटेल कर रही हैं, जिनकी पार्टी में उनके समेत दो सांसद हैं और राज्‍य विधानसभा एवं विधान परिषद में उनके दल का प्रतिनिधित्व है। अनुप्रिया का भाजपा से गठबंधन बरकरार है। जबकि अपना दल (कमेरावादी) का नेतृत्व कृष्णा पटेल के हाथों में है और उनका सपा के साथ गठबंधन है। पल्लवी पटेल सिराथू से सपा की ही विधायक हैं।

पार्टी के दोनों गुटों ने भी प्रतिद्वंद्वी गुटों के साथ गठबंधन कर लिया है। पल्लवी पटेल ने 2022 के उप्र विधानसभा चुनाव में सपा उम्मीदवार के रूप में सिराथू विधानसभा सीट से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को हराया था। अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।

समारोह को अति विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, उप्र के संसदीय व वित्‍त मंत्री सुरेश खन्‍ना, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले, उत्तर प्रदेश सरकार में मत्स्य मंत्री एवं निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.संजय निषाद, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी समेत कई प्रमुख नेताओं ने संबोधित किया।

अनुप्रिया पटेल ने कहा – आज भारतीय राजनीति के चाणक्य हैं अमित शाह 

अपना दल (एस) की अध्यक्ष व केन्‍द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अमित शाह का स्वागत करते हुए कहा कि आज भारत की राजनीति में अमित शाह को चाणक्य की संज्ञा दी गयी है। भाजपा-अपना दल मिलकर एक साथ 2014 से अब तक चार चुनाव लड़ चुके और यह लंबा गठबंधन है। इसमें सबसे अहम भूमिका अमित शाह ने निभाई। आपने हमें स्नेह, सम्मान और मार्गदर्शन दिया। पटेल ने योगी आदित्यनाथ समेत सभी अतिथियों का स्वागत किया।

राजग की एकता का संदेश देते हुए अनुप्रिया ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज के दिन हमारे भीतर ज्वार उमड़ता है। यह दो जुलाई की तारीख हमारे नेता डॉक्टर सोनेलाल पटेल का स्मरण कराती है। उन्होंने पिछड़ा वर्ग मंत्रालय की मांग पर जोर देते हुए कहा कि यह सपना मोदी जी के नेतृत्व में पूरा होगा। 2024 के लिए 24 घंटे मेहनत करने और राजग की सरकार बनाने का संकल्प लेने का आह्वान करते हुये मंत्री ने कहा कि आजकल बहुत विपक्षी गठबंधन का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। इनके लिए सामाजिक न्‍याय प्रतिबद्धता विषय नहीं है बल्कि पिछड़ा वर्ग इनके लिए राजनीतिक रोटी सेंकने का विषय है।

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