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अमित शाह का कांग्रेस पर प्रहार – ‘आतंकवाद से निबटा जाता तो कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर नहीं जाना पड़ता’

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नई दिल्ली, 6 दिसम्बर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन और आरक्षण बिल पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस सहित सम्पूर्ण विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक उन सभी लोगों को न्याय दिलाने के लिए लाया गया है, जिनकी 70 वर्षों तक अनदेखी की गई और जिन्हें अपमानित किया गया.

अमित शाह ने कहा कि करीब 46,631 परिवार और 1,57,967 लोग जम्मू-कश्मीर से देशभर में विस्थापित होने को मजबूर हुए, उन्हें न्याय दिलाने के लिए सरकार विधेयक लाई है। उन्होंने कहा, ‘यदि वोट बैंक के बारे में सोचे बिना शुरुआत में ही आतंकवाद से निबटा जाता तो कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर नहीं जाना पड़ता।’

शाह ने कहा, ‘कुछ लोगों ने इसे कमतर आंकने की भी कोशिश की। मैं उन सभी से कहना चाहूंगा कि यदि हमारे अंदर थोड़ी सी भी सहानुभूति है तो हमें देखना होगा कि नाम के साथ सम्मान जुड़ा हुआ है।’

कांग्रेस पर साधा निशाना

अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को भाषण लिखकर दे दिया जाता है और वो एक ही भाषण को बार-बार छह महीने तक पढ़ते रहते हैं, वो इतिहास नहीं देखते हैं।

पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता नहीं दी गई

गृह मंत्री ने कहा, ‘पिछड़ा वर्ग आयोग को 70 वर्षों से संवैधानिक मान्यता नहीं दी गई। नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता दी। इतना ही नहीं मोदी की सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण भी दिया।’

कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग का विरोध किया

उन्होंने कहा, ‘काका कालेलकर की रिपोर्ट को रोक कर रखा। मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू नहीं किया और जब लागू करने की बात हुई तो राजीव गांधी ने इसका विरोध किया। पिछड़े वर्ग का सबसे बड़ा विरोध कांग्रेस पार्टी ने किया है।’