नई दिल्ली, 28 सितम्बर। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सरकार देश में बाढ़, शीत लहर और भीषण गर्मी में लू जैसी प्राकृतित आपदाओं की चपेट में आने से होने वाली मौतों के आंकड़े को शून्य स्तर पर लाने के लिए ठोस कदम उठाएगी। शाह ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के 17वें स्थापना दिवस पर मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम एक ऐसा आपदा प्रबंधन तंत्र बनाने की ओर अग्रसर हैं, जिसमे कितनी भी घोर आपदा आए, एक भी व्यक्ति की जान ना जाए, और हम इस दिशा में अच्छे से बढ़ रहे हैं।’
350 जिलों में आपदा मित्र स्वयंसेवकों की सेवाओं के विस्तार की तैयारी
उन्होंने कहा कि देश के 350 जिलों में आपदा मित्र स्वयंसेवकों की सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। इन सभी वॉलंटियर्स और उनके परिवार के मन में आश्वस्तता का भाव पैदा करने के लिए भारत सरकार ने उनका बीमा करने का निर्णय भी लिया है। इस अवसर पर उन्होंने आपदा मित्र योजना की प्रशिक्षण नियमावली और आपदा मित्र व सामान्य चेतावनी प्रोटोकॉल योजना के दस्तावेज का विमोचन भी किया।
आपदा से होने वाले नुकसान को बचाने के लिए अग्रिम सूचना देने की जरूरत
अमित शाह ने ओडिशा में समुद्री तूफान और गुजरात में भूकम्प से हुए नुकसान का जिक्र करते हुए आपदा से होने वाले नुकसान को बचाने के लिए अग्रिम सूचना देने की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि आने वाली प्राकृतिक आपदाओं के बारे में वैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर केंद्रीय दलों को पहले से तैनात किया जाना चाहिए।
एनडीएमए और उसकी क्रियान्वयन एजेंसियों ने बदल दिया आपदा प्रबंधन का इतिहास
गृह मंत्री शाह ने एनडीएमए और उसकी क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में एनडीआरएफ और एसडीआरएएफ की तारीफ करते हुए कहा कि इन संस्थाओं ने देश के आपदा प्रबंधन के इतिहास को बदलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी दृष्टि से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की समीक्षा की जाए तो इन्होंने सबसे बड़ा काम देश की जनता के मन में विश्वास पैदा करने का किया है।