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जम्‍मू-कश्‍मीर में शांति और विकास के लिए सरकार अब युवाओं से बात करेगी : अमित शाह

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श्रीनगर, 26 अक्टूबर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि जम्‍मू-कश्‍मीर में शांति और विकास के लिए केंद्र सरकार अब युवाओं और आम लोगों से बात करेगी। साथ ही घाटी की विकास प्रगति  में बाधा डालने की किसी को कदापि अनुमति नहीं दी जाएगी। राज्य के तीन दिवसीय दौरे पर आए शाह ने यहां शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में एक सभा को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।

अमित शाह ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की मांग के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्रशासित प्रदेश को देश में सबसे विकसित और समृद्ध बनाने के लिए सरकार जम्मू-कश्मीर के युवाओं और आम लोगों से बात करेगी। सरकार का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया करना और नागरिक की हत्याओं को पूरी तरह से समाप्त करना है।

राज्य की विकास प्रक्रिया में बाधा डालने की किसी को अनुमति नहीं दी जाएगी

वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद से पहली बार जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर आए शाह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में जम्‍मू-कश्‍मीर का एक विशेष स्थान है और राज्‍य की शांति और विकास प्रक्रिया में बाधा डालने की किसी को भी कतई अनुमति नहीं दी जाएगी।

बेमिना में 500 बिस्तरों वाले अस्पताल का उद्घाटन

गृह मंत्री ने बेमिना में 115 करोड़ रुपये की लागत से बने 500 बिस्तरों वाले अस्पताल का उद्घाटन किया। इसके अलावा हंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज और चार हजार करोड़ रुपए की अन्य सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

गांदरबल जिले के खीर भवानी मंदिर में देवी राग्यना की पूजा-अर्चना की

इसके पूर्व अमित शाह ने मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के खीर भवानी मंदिर में देवी राग्यना की पूजा-अर्चना की। उनके साथ उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

राज्य में विकास का एक नया युग शुरू हुआ है

शाह ने जम्मू के भगवती नगर में भी एक जनसभा को संबोधित करते हुए यही कहा था कि राज्‍य में विकास का एक नया युग शुरू हुआ है और इस विकास को कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ जम्मू में मकवाल सीमा पर अग्रिम इलाकों का भी दौरा किया और वहां जवानों तथा स्थानीय निवासियों से बातचीत की। उन्होंने कश्मीरी पंडितों, गुज्‍जर-बकरवाल और पहाड़ी समुदाय के प्रतिनिधिमंडलों से भी बातचीत की।

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