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अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति के अजातशत्रु थे : अमित शाह

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ग्वालियर, 25 दिसम्बर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘भारत रत्न’ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती पर उन्हें स्मरण करते हुए कहा कि वाजपेयी राजनीति के अजातशत्रु थे, जिन्होंने भारत का मान दुनियाभर में बढ़ाया। यही वजह थी कि अटल जी के विरोधी भी उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर अंगुली नहीं उठा सकते थे।

अमित शाह ने गुरुवार को यहां आयोजित अभ्युदय मध्य प्रदेश ग्रोथ समिट का उद्घाटन करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने ग्वालियर अंचल के देश के लिए दिए गए अटल जी के योगदान को भी याद किया और उनसे जुड़े कई प्रसंगों का उल्लेख किया।

ग्वालियर क्षेत्र ने सदियों से भारत को ऊर्जा और गति देने का किया है कार्य 

शाह ने कहा कि ग्वालियर क्षेत्र ने सदियों से भारत को ऊर्जा और गति देने का कार्य किया है। मुगलों के विरुद्ध संघर्ष से लेकर सांस्कृतिक विरासत के संवर्धन तक इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। तानसेन से लेकर आज तक इस अंचल ने देश की सांस्कृतिक परंपरा को मजबूती दी है। उन्होंने कहा कि यहां के किसानों ने भारतीय कृषि को नई दिशा दी, वहीं आजादी के बाद इस क्षेत्र ने बड़ी संख्या में पैरामिलिट्री और सैन्य बलों को जवान भी दिए हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण करते हुए अमित शाह ने कहा कि उनका जीवन का एक बड़ा कालखंड इसी क्षेत्र में बीता, जिसने अटल को अटल बिहारी वाजपेयी के रूप में गढ़ा। उन्होंने न केवल देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया, बल्कि स्वराज से सुशासन तक की यात्रा को आगे बढ़ाया। उस दौर में जब अंग्रेजी का वर्चस्व था, तब संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिन्दी में भाषण देकर उन्होंने पूरे देश का दिल जीत लिया।

वाजपेयी के नेतृत्व में हुई जनजातीय कार्य मंत्रालय की स्थापना

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री बनने से पहले जनजातीय समाज के लिए कोई अलग मंत्रालय नहीं था। उनके नेतृत्व में ही भारत सरकार में जनजातीय कार्य मंत्रालय की स्थापना हुई और जनजातीय कल्याण की एक नई यात्रा शुरू हुई।

दुनिया के सामने परमाणु शक्ति के शांतिपूर्ण उपयोग का सिद्धांत किया प्रस्तुत 

अधोसंरचना विकास पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल से पहले इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को चुनाव जीतने का साधन नहीं माना जाता था। उन्होंने कांग्रेस की इस दकियानूसी सोच को तोड़ा और स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना जैसी ऐतिहासिक पहल की। इसके साथ ही उन्होंने पूरी दुनिया के सामने परमाणु शक्ति के शांतिपूर्ण उपयोग का सिद्धांत प्रस्तुत किया।

भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने का लिया साहसिक निर्णय

उन्होंने कहा कि वैश्विक दबावों के बावजूद अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने का साहसिक निर्णय लिया। कारगिल घुसपैठ के बाद भी उन्होंने स्पष्ट कहा था कि शांति के प्रयासों के बावजूद पाकिस्तान ने धोखा दिया है और जब तक घुसपैठियों को खदेड़ा नहीं जाता, तब तक बातचीत संभव नहीं है।

अटल जी लोक कल्याण को समर्पित नेता थे

शाह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी लोक कल्याण को समर्पित नेता थे। राजनीति में रहते हुए भी अजातशत्रु बने रहना अत्यंत कठिन होता है, लेकिन अटल जी पूरे जीवन इस कसौटी पर खरे उतरे। यही कारण है कि उनके विरोधी भी उनके सम्मान में मौन रहते थे। इससे पहले गृह मंत्री ने ग्वालियर में करीब दो लाख करोड़ रुपये के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण भी किया।

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